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अतीत के आइने से :जब जेपी ने राजनीतिक गुरु देवीलाल को छोड़ बंसीलाल का थामा हाथ, बने सांसद

हिसार लोकसभा सीट से 28 निर्दलियों समेत 35 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले जयप्रकाश (जेपी) ने एकतरफा जीत हासिल की।

By manoj kumarEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 03:22 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 08:38 PM (IST)
अतीत के आइने से :जब जेपी ने राजनीतिक गुरु देवीलाल को छोड़ बंसीलाल का थामा हाथ, बने सांसद

हिसार [गौरव त्रिपाठी] वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद त्रिशंकु जनादेश आया। इसके बाद भाजपा और उसके सहयोगी पार्टियां मिलकर सबसे बड़े दल के रूप में सामने आया। भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनाई, लेकिन बहुमत जुटा न पाने के कारण 13 दिन की यह सरकार गिर गई। इसके बाद एचडी देवगौड़ा और आइके गुजराल के नेतृत्व में दो साल तक सरकार चली। हरियाणा में चौधरी देवीलाल ने समता पार्टी के बैनर तले अपने प्रत्याशी उतारे। इस चुनाव में उनके शिष्य जयप्रकाश (जेपी) ने गुरु का हाथ छोड़ पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल का हाथ थामा और हिसार सीट से चुनाव जीत संसद पहुंच गए।

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हिसार : 174652 वोटों से जीते थे जयप्रकाश

हिसार लोकसभा सीट से 28 निर्दलियों समेत 35 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले जयप्रकाश (जेपी) ने एकतरफा जीत हासिल की। उन्होंने 42.32 फीसद 306402 वोट हासिल किए। समता पार्टी के गौरी शंकर 18.20 फीसद 131750 वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस के सुरजीत सिंह को 14.91 फीसद 107953 वोट मिले थे। शेष 32 प्रत्याशियों को आठ फीसद या इससे मत मिले थे।

रोहतक : 2664 से हारे थे चौधरी देवीलाल

रोहतक लोकसभा सीट पर इस बार भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौधरी देवीलाल आमने-सामने थे। इनके अलावा 32 और उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी। इनमें 24 निर्दलीय थे। कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस बार भी देवीलाल को हरा दिया। हुड्डा को 31.71 फीसद 198154 वोट मिले थे। समता पार्टी के उम्मीदवार देवीलाल को 31.28 फीसद 195490 वोट मिले थे। भाजपा के प्रदीप कुमार को 25.34 फीसद 158376 वोट मिले थे। बाकी सभी 31 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। उन्हें दो फीसद से भी कम वोट मिले थे।

भिवानी : बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह पहुंचे संसद

भिवानी लोकसभा से 43 प्रत्याशी चुनावी समर में उतरे थे। इनमें से 32 आजाद उम्मीदवार थे। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने अपने बेटे सुरेंद्र सिंह को हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव में उतारा था। उनके सामने से 1991 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते जंगबीर सिंह। जंगबीर इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थे। सुरेंद्र सिंह 55.66 फीसद 406454 वोट हासिल कर चुनाव जीते थे। जंगबीर को 24.82 फीसद 181271 वोट मिले थे। समता पार्टी के गोपीराम वशिष्ठ 10.09 फीसद 73654 वोट मिले थे। बाकी सभी प्रत्याशियों को दो फीसद से भी कम वोट मिले थे।

सिरसा : कुमारी सैलजा दूसरी बार बनीं सांसद

सिरसा आरक्षित संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने इस बार भी कुमारी सैलजा को चुनाव में उतारा था। उनके खिलाफ 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इनमें 16 निर्दलीय थे। सैलजा ने 33.50 फीसद 275459 वोट पाकर अपना बचाए रखा और संसद पहुंचीं। समता पार्टी के सुशील कुमार को 31.66 फीसद 260312 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे थे। भाजपा के हंसराज को 23.77 फीसद यानी 195451 वोट मिले थे। शेष सभी प्रत्याशियों को चार फीसद से भी कम वोट मिले थे।


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