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उदिता और सविता बोलीं- किस्मत ने कम दिया साथ, सोने का गम नहीं चांदी तो आई हाथ

एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल विजेता उदिता और सविता पूनिया बृहस्पतिवार को एस्ट्रोटर्फ पर पहुंची। यहां उनका स्वागत कर विजयी जुलूस निकाला गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 06:46 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 06:46 PM (IST)
उदिता और सविता बोलीं- किस्मत ने कम दिया साथ, सोने का गम नहीं चांदी तो आई हाथ
उदिता और सविता बोलीं- किस्मत ने कम दिया साथ, सोने का गम नहीं चांदी तो आई हाथ

जेएनएन, हिसार : एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल विजेता उदिता और सविता पूनिया बृहस्पतिवार को एस्ट्रोटर्फ पर पहुंची। यहां उनका स्वागत कर विजयी जुलूस निकाला गया। खिलाड़ी ढोल-ढ़माकों पर खूब थिरकते नजर आए। खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को बधाई दी। वहीं उदिता और सविता ने बातचीत के दौरान कहा कि हमारी टीम भी जापान से कम नहीं थी। हमारी टीम ने भी उनके साथ पूरी टक्कर ली थी। हमे गोल करने का काफी मौका भी मिला। लेकिन पता नहीं कि गोल क्यों नहीं कर पाए। कुछ किस्मत ने भी साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल लेना भी कोई छोटी बात नहीं है।

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वहीं सविता ने बातचीत के दौरान बताया कि अभी आगे कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं है। एक महीने तक रेस्ट करेगी। उसके बाद 1 अक्टूबर से बैंगलुरु में फिटनेस कैंप शुरू होगा। वहां पर वह ट्रे¨नग लेंगी और फिटनेस की तरफ ध्यान देगी। उन्होंने बताया कि एशियन गेम्स को लेकर हमारी तैयारियां पूरी थी। इसके लिए काफी अभ्यास भी किया था, लेकिन गोल मेडल लेने से चूक गए। हमे भी पूरा भरोसा था कि इस बार गोल्ड मेडल लेकर ही लौटेंगे। वहीं स्वागत समारोह में विधायक डा. कमल गुप्ता, एडीसी एएसमान, डीइइओ देवेंद्र, वेद स्कूल के डायरेक्टर एचके शर्मा, जिला खेल अधिकारी गंगादत्त यादव, सीनियर हॉकी कोच आजाद मलिक, विजेंद्र सहारण सहित अन्य लोगों ने खिलाड़ियों को बधाई दी। बॉक्स

खुशी का कोई ठिकाना नहीं, घर पर लगा बधाइयों का तांता

उदिता और सविता पूनिया का हिसार पहुंचने का काफी इंतजार किया जा रहा था। हालांकि जूनियर खिलाड़ियों ने उनको पहले ही फोन पर बधाई दे

दी। लेकिन जब बृहस्पतिवार को दोनो खिलाड़ी एस्ट्रोटर्फ पर पहुंची तो खिलाड़ियों में खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। इस दौरान हॉकी ओलंपियन पूनम मलिक भी मौजूद थी। वहीं सिल्वर मेडल जीतने पर उदिता और सविता पूनिया के परिवार में खुशी का माहौल है। घर पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है। बॉक्स

मुझे भी पूरी उम्मीद थी की भारत की टीम गोल्ड मेडल लेकर आएगी। लेकिन जब गोल करने का मौका मिला तो नहीं कर पाए। सिल्वर मेडल लेना भी टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है।

आजाद मलिक, सीनियर हॉकी कोच


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