Move to Jagran APP

हरियाणा में अगले तीन दिन बदलेगा मौसम, हिमाचल के धर्मशाला के बराबर ठंडी हिसार में रात

मौसम विभाग के अुनसार अभी तापमान में और गिरावट होने की संभावना प्रबल है। इसमें अधिकतर तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हिसार की रात हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के बराबर ठंडी है। धर्मशाला में रात्रि तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 11:06 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 11:06 AM (IST)
हरियाणा में अगले तीन दिन बदलेगा मौसम, हिमाचल के धर्मशाला के बराबर ठंडी हिसार में रात
हरियाणा में 29 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील बना रहेगा

हिसार, जेएनएन। हिसार में ठंड अभी से असर दिखाने लगी है। आलम यह है कि यह पहाड़ों के बराबर ठंड का लोगों को एहसास करा रही है। अगर आप इस मौसम में अपना ध्यान नहीं रख रहे हैं तो ध्यान देना शुरू कर दें क्योंकि गिरता तापमान आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। तापमान पर गौर करें तो हिसार में अक्टूबर महीने का सबसे कम रात्रि तापमान शनिवार को दर्ज किया गया। यहां न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जो सामान्य से पांच डिग्री कम रहा। 

loksabha election banner

मौसम में बदलाव को देखते हुए कई लोगों ने अपने कूलर, एसी तक बंद कर दिए हैं। मौसम विभाग की मानें तो अभी तापमान में और गिरावट होने की संभावना प्रबल है। इसमें अधिकतर तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हिसार की रात हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के बराबर ठंडी है। धर्मशाला में रात्रि तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि राज्य में 29 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील है। मगर मौसम खुश्क रहने की संभावना बनी हुई है। क्षेत्र में कहीं-कहीं 25 अक्टूबर रात्रि व 26 अक्टूबर को आंशिक बादलवाई संभावित है। इस दौरान बीच बीच में हवाएं चलने से तापमान में हल्की गिरावट संभावित है।

किसान इन बातों का रखें ख्याल

- सरसों की बिजाई उन्नत किस्मों आरएच 725, आरएच 749, आरएच 30 , आर एच 406 आदि के प्रमाणित बीजों से जल्दी पूरी करे। बिजाई से पहले 2 ग्राम

कारबेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से अवश्य उपचारित करें।

- देसी चने की बिजार्इ के लिए खेत को अच्छी प्रकार से तैयार करे तथा उन्नत किस्मों के साथ बिजाई शुरू करे। देसी चने की उन्नत किस्मों बारानी व सिंचित क्षेत्रों के लिए एचसी 1 तथा सिंचित क्षेत्रों के लिए एचसी 3 (मोटे दाने वाली किस्म) व एचसी 5 किस्मों का प्रयोग करे। बिजाई से पहले बीज का राइजोबियम के टीके से उपचार करें।

अन्य बीज उपचार: जड़ गलन बिमारी से बचाने के लिए 2.5 ग्रा. बाविस्टीन प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित करे। उखेड़ा रोग से बचाव के लिए बिजाई से पूर्व बीज का उपचार जैविक फफूँदीनाशक ट्राईकोडरमा विरिडी (बायोडरमा) 4 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज विटावैक्स 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से करें।

यह प्रक्रिया राईजोबियम से उपचारित करने से पहले कर लें।

- गेहूं की बिजाई के लिए अगेती बिजाई वाली उन्नत किस्मों के बीजों का प्रबंध करे व खाली खेतों को अच्छी प्रकार से तैयार करे ताकि तापमान अनुकूल होने पर अगेती बिजाई शुरू की जा सके।

अगेती बिजाई के लिए यदि अच्छा पानी उपलब्ध हो तो डब्लू एच 1105, एच डी 2967 ,एचडी 3086 व डब्लू एच 711 किस्मों के प्रयोग करे।

यदि कम पानी उपलब्ध हो तो अगेती बिजाई के लिए सी 306, डब्लू एच 1080 , डबलू एच 1142 किस्मों के प्रयोग किया जा सकता है।

- मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना देखते हुए सब्जियों व फलदार पौधों तथा हरे चारे की फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करे।

- नरमा कपास की चुनाई सूर्य निकलने के बाद शुरू करे ताकि सुबह ओस के कारण उत्पादन की क्वालिटी पर प्रभाव न पड़े।

- धान की कटाई व कढाई करने के उपरांत पराली को भूमि में दबाये व उर्वरा शक्ति को बढाये व आगामी फसल का अधिक उत्पादन प्राप्त करे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.