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Hisar Weather Forecast: हरियाणा से दो या तीन दिन में लौट जाएगा मानसून, जानें अब कैसा रहेगा मौसम

हरियाणा के लोगों के लिए बारिश से जुड़ी अच्‍छी खबर नहीं है। अगले दो से तीन दिनों में मानसून लौट जाएगा मानसून। इस बार 15 फीसद कम हुई है बारिश। प्रदेश में 15 शहरों में सामान्य से कम हुई बारिश।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 03:15 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 03:15 PM (IST)
Hisar Weather Forecast: हरियाणा से दो या तीन दिन में लौट जाएगा मानसून, जानें अब कैसा रहेगा मौसम
हरियाणा से दो से तीन दिन में मानसून लौट जाएगा।

हिसार, जेएनएन। मानसून विदाई की ओर है, अभी तक 15 फीसद बारिश प्रदेश में कम दर्ज की गई है। प्रदेश के 15 जिलों में बारिश कम दर्ज की गई है। अगर बारिश अच्छी होती तो कपास की फसल को फायदा दे सकती थी। अब मानसून दो से तीन दिनों में वापस लौट जाएगा। ऐसे में बारिश के आंकड़े प्रदेश की अच्छी स्थिति नहीं दर्शा रहे हैं। प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून 26 जून को सक्रिय हुआ। मगर जुलाई माह में सामान्य से छह फीसद अधिक बारिश हुई। जिससे किसानों में अच्छी फसल होने की आस जगी, मगर अगस्त और सितंबर में बारिश का बुरा हाल देखने को मिला।

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अगस्त माह में सामान्य से 13 फीसद कम बारिश हुई। जिसमें से अच्छी बारिश 10 से 12 अगस्त तथा 18 से 20 अगस्त को राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में दर्ज की गई। इसके बाद सितंबर में बारिश सामान्य से भी कम बारिश दर्ज की गई । पूरे मॉनसून  पीरियड (1 जून से 29 सितंबर) में भारत मौसम विज्ञान विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार हरियाणा राज्य में  सामान्य से 15 फीसद कम बारिश दर्ज हुई है। इस दौरान राज्य में सामान्य बारिश 443.1 मिलीमीटर की जगह 377.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। मॉनसून की असमान बारिश होने के कारण राज्य के 15 जिलों में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज हुई। जबकि राज्य के बाकी जिलों में सामान्य या अधिक वर्षा आंकी गई है।

इन जिलों में कम हुई बारिश

जिला- कम बारिश हुई (फीसद)

पंचकूला- 65

रोहतक- 57

भिवानी- 43

महेंद्रगढ़- 37

अंबाला- 35

जींद- 29

रेवाडी- 26

पलवल- 25

पानीपत- 22

हिसार- 19

यमुनानगर- 17

सोनीपत- 11

मेवात- 9

झज्जर- 3

फरीदाबाद- 2

चार अक्टूृबर तक मौसम परिवर्तनशील

चौधरी चरण ङ्क्षसह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की वापिसी की संभावना को देखते हुए तथा जम्मू कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में चार अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है। इस दौरान हवाएं उत्तर पश्चिमी चलने तथा बीच बीच में आंशिक बादल आने की भी संभावना है जिससे राज्य में दिन व रात्रि तापमान में हल्की गिरावट संभावित है। 

मौसम आधारित कृषि सलाह

- सरसों की बिजाई से लिए भूमि को अच्छी प्रकार से तैयार कर नमी सरंक्षित करें।

- उन्नत किस्मों आरएच 725, आरएच 749, आरएच 30 व अन्य उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों का प्रबंध करें ताकि तापमान अनुकूल होने पर चार-पांच दिन बाद बिजाई शुरू की जा सके। तना गलन रोग से बचाव के लिए सरसों की बिजाई  से  पहले  2 ग्राम कारबेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से बीजोपचार अवश्य  करें।

- परिवर्तनशील व खुश्क मौसम की संभावना  को देखते हुए  पछेती धान की फसल में रोग व कीट आने की संभावना ज्यादा रहती है, इसलिए किसान भाई फसल की निगरानी करते रहे तथा विज्ञानियों की सलाह अनुसार आवश्यकतानुसार स्प्रे आदि करें।

-  मौसम परिवर्तनशील व खुश्क रहने की संभावना देखते हुए सब्जियों व फलदार पौधों तथा हरे चारे की फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।


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