Weather New Update Haryana: कमजोर पड़ा मानसून, जानें बारिश को लेकर क्या है नया अपडेट
मॉनसून की सक्रियता हरियाणा में 3 सितम्बर से बनी हुई है अब मॉनसून की टर्फ रेखा हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने की संभावना को देखते हुए मॉनसून की सक्रियता कमजोर होगी।
हिसार, जेएनएन। छह सितंबर तक हरियाणा में जहां रुक रुक कर बारिश होती रही वहीं कल और आज धूप और बादलों की आंख मिचोली चलती रही मगर बारिश नहीं हुई। धूप ने भी खूब झुलसाया। बारिश को लेकर अभी भी राहत भरी खबर नहीं है। मानसून अपने अंतिम चरण में है और अगले चार से पांच दिनों तक हरियाणा में कमजोर रहेगा और बारिश के आसार कम रहेंगे। इससे उमस भी बढ़ेगी तो गर्मी भी ज्यादा होगी।
वहीं बीते दिनों से हरियाणा राज्य में मॉनसून पीरियड (1जून से 8 सितंबर) तक भारत मौसम विज्ञान विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार राज्य में अब तक सामान्य से 6 फीसद कम बारिश दर्ज हुई है। इस दौरान राज्य में सामान्य बारिश 395.7 मिलीमीटर की जगह 373.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। मॉनसून की असमान बारिश होने के कारण राज्य के बारह जिलों में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज हुई जिनमे मुख्य पंचकूला (-62फीसद), रोहतक (-52फीसद),भिवानी (-40फीसद) महेंद्रगढ़ (-31फीसद), रेवाडी (-20फीसद), अम्बाला (-28फीसद),जींद (-19फीसद), हिसार (-13फीसद),पानीपत (-13फीसद), पलवल(-14फीसद), यमुनानगर(-11फीसद), सोनीपत (-1फीसद) तथा राज्य के बाकी जिलों में सामान्य या अधिक वर्षा आंकी गई है।
मौसम पूर्वानुमान
मॉनसून की सक्रियता राज्य में 3 सितम्बर से बनी हुई है तथा अब मॉनसून की टर्फ रेखा हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने की संभावना को देखते हुए मॉनसून की सक्रियता राज्य में अगले चार पांच दिनों में थोड़ी कम हो जाने की संभावना है जिससे 13 सितंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने व बीच बीच मे आंशिक बादल छाए रहने तथा दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस दौरान राज्य में कुछ-एक स्थानों पर गरज चमक के साथ छिटपुट बूंदाबांदी या हल्की बारीश भी संभावित है।
मौसम आधारित कृषि सलाह
1.पिछले पांच दिनों से राज्य में बारिश होने, बादलवाई व वातावरण में नमी अधिक होने से फसलों में कीट व रोगों का प्रकोप बढ़ने की संभावना को देखते हुए फसलों की लगातार निगरानी रखे। यदि फसलों में कीट व रोग का प्रकोप दिखाई दे तो विश्विद्यालय द्वारा सिफारिश दवाइयों की स्प्रे मौसम साफ रहने पर ही करें।
2. नरमा कपास व अन्य खरीफ फसलों तथा सब्जियों में यदि बारिश का पानी खड़ा हो तो उसे निकाल दें।
3.तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना को देखते हुए धान की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
3. फलदार पौधे लगाने का उचित समय है। प्रमाणित नर्सरी से उत्तम किस्मों के फलदार पौधे खेतों में अवश्य लगायें।