इस वजह से ग्रामीणों ने दी पशुओं को जिला सचिवालय में बांधकर दिल्ली जाने की धमकी
यहां के घ्ािकाडा गांव में ग्रामीण मोबाइल टावर लगाने के कार्य से खफा हो गए। हालात ऐसे हो गए है कि पूरी पंचायत ने भी मोबाइल कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
जेएनएन, चरखी दादरी । यहां के घ्ािकाडा गांव में ग्रामीण मोबाइल टावर लगाने के कार्य से खफा हो गए। हालात ऐसे हो गए है कि पूरी पंचायत ने भी मोबाइल कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सरपंच ने ग्रामीणों को साथ लेकर डीसी से मुलाकात की और टावर के काम को तुरंत बंद करवाने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि अगर टावर नहीं हटाया गया तो वे अपने पशुओं को जिला सचिवालय में बांधकर दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
नहीं ली कोई अनुमति
सरपंच सोमेश ने बताया कि मोबाइल कंपनी द्वारा इस टावर को लगाने हेतु पंचायत से किसी प्रकार का कोई व्यवहार पत्र नहीं किया गया है। इस विषय में न तो कंपनी के किसी प्रतिनिधि ने कोई लिखित में प्रार्थना दी और न ही किसी प्रकार की कोई अनुमति के लिए पत्र या अन्य प्रार्थना लिख कर दी। टेली कम्यूनिकेशन टावर नियम 2012 के तहत विभिन्न नियम 3, 5, 8 तथा धारा 45 एवं 209 सरासर अनदेखी की गई है। इसके साथ ही हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धाराओं के तहत नोटिस देकर गैरकानूनी कार्यवाही को बंद करवाने बारे उपरोक्त कंपनी को ग्राम पंचायत द्वारा नोटिस दिया गया है।
घरों के ऊपर से लिया जा रहा है हाईवोल्टेज की तारों को
इस टावर के लिए बिजली सप्लाई की लाईन को भी ग्रामीणों के घरों के ऊपर से लिया जा रहा है। यह हाई वोल्टेज की लाईन है जिससे कभी भी दुर्घटना का भय बना है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय तथा उपायुक्त दादरी को भी इस विषय में शिकायत दी गई। ग्रामीणों ने कहा कि अगर उपरोक्त टावर के कार्य को नहीं रोका गया तो अपने पशुओं को जिला सचिवालय में छोड़ कर दिल्ली को कूच कर जाएंगे।
पंचायत को भी है नुकसान
सरपंच ने बताया कि गांव में कोई भी मोबाइल टावर लगाने के लिए ग्राम पंचायत को निर्धारित शुल्क देना जरूरी होता है। ऐसा न किए जाने से पंचायत को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसी प्रकार आबादी के बीच टावर न लगाने पर पहले ही देश का सर्वोच्च न्यायालय फैसला दे चुका है। यहां सभी नियम, कायदों की अवहेलना की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि यहां टावर लगाना जरूरी है तो ग्राम पंचायत आबादी से बाहर जमीन देने को तैयार है। इस अवसर पर जयप्रकाश, राजपाल, सतबीर, रोहतास, विद्या, सुशीला, रेखा, संतोष, कृष्णा, सुनीता, सुखबीर, पंच राजेश, अजय, कुलबीर, धर्मबीर, नसीब इत्यादि ग्रामीण उपस्थित थे।