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नारनौंद में किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रामीणों ने 5 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध

किसानों के समर्थन में राजथल गांव के किसानों ने रविवार को सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पांच किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताया। हर घर से सभी सदस्य अपने घरों पर ताला लगा कर विरोध जताने के लिए जींद हांसी सड़क मार्ग पर पहुंच गए।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 04:04 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 04:04 PM (IST)
नारनौंद में किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रामीणों ने 5 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध
पांच किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताते हुए ग्रामीण

नारनौंद [सुनील मान] कृषि कानूनों के विरोध में गांव राजथल के हजारों ग्रामीणों ने पांच किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर सरकार का विरोध किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही तीनों कृषि कानून वापिस नहीं लिए तो पूरा गांव दिल्ली में डेरा डाल देगा। कृषि कानून वापस लेने के लिए पिछले तीन महीनों से किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी अनदेखी करके उन को आतंकवादी बताने का काम कर रही है। किसानों के समर्थन में राजथल गांव के किसानों ने रविवार को सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पांच किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताया।

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पूरे गांव कि हर घर से सभी सदस्य अपने घरों पर ताला लगा कर विरोध जताने के लिए जींद हांसी सड़क मार्ग पर पहुंच गए। हिसार जिले की सीमा से गांव भैणी अमीरपुर तक ग्रामीणों ने सड़क के किनारे खड़े होकर हाथों में बैनर लेकर शांतिपूर्वक तरीके से सरकार का विरोध करते हुए सरकार को जगाने का काम किया। इस दौरान महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस मानव श्रृंखला में 6 महीने के बच्चे से लेकर 90 साल की बुजुर्ग महिलाओं ने भी भाग लिया। सड़क मार्ग पर किसी भी तरह की अव्यवस्था ना फैले इसके लिए सो युवाओं ने कमान संभाल रखी थी। सभी ग्रामीण सड़क के बराबर में खड़े होकर अपनी भावना प्रकट कर रहे थे।

90 वर्षीय बुजुर्ग मुनीराम मान ने बताया कि सरकार को जल्द से जल्द यह कानून वापस ले लेने चाहिए किसानों के समर्थन में आज बच्चा बच्चा खड़ा हो चुका है। अगर सरकार ने समय रहते इनको वापस नहीं लिया तो सरकार को इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।

बलवान सिंह बिसला ने बताया कि सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। जब किसान इन कृषि कानूनों को नहीं चाहता तो सरकार जबरदस्ती से क्यों लागू करना चाहती है। समय आने पर वोट की चोट से किसान व मजदूर इस सरकार को आईना दिखाने का काम करेंगे।

मानव श्रृखला के आयोजक कृष्ण मान, सुमेंद्र, परवीन, जय भगवान, जोगिंदर बिसला, बच्चन मान, अनूप उर्फ टोनी इत्यादि ने बताया कि शांतिपूर्वक तरीके से सरकार को चेताने के लिए यह मानव श्रृंखला बनाई गई थी। भविष्य में भी सरकार की नींद खोलने के लिए हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।


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