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Look Out Notice: जिला ड्रग कंट्रोल अधिकारी को पकड़ने के लिए विजिलेंस की कार्रवाई, डीआइजी को लिखा पत्र

हिसार में 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में जिला ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी पिछले 44 दिनों से फरार है। सुरेश चौधरी के खिलाफ रेडकार्नर और लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए सिरसा विजिलेंस ने डीआइजी को पत्र लिखा है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 05:40 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 05:40 PM (IST)
जिला ड्रग कंट्रोल अधिकारी पर 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का है आरोप

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार में केमिस्ट की दुकान के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में जिला ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुरेश चौधरी पिछले 44 दिनों से फरार है। जबकि उसकी गिरफ्तारी के लिए एक महीने पहले वारंट भी जारी हो चुका है। इसके बावजूद आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। ऐसे में सिरसा विजिलेंस टीम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने शुरु हो गए है। हालांकि विजिलेंस टीम का कहना है कि वे लगातार सुरेश चौधरी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रहे है, लेकिन आरोपित अभी भी विजिलेंस की गिरफ्त से बाहर है।

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सुरेश चौधरी के खिलाफ रेडकार्नर और लुकआउट नोटिस जारी के लिए डीआइजी को लिखा गया है पत्र

सुरेश चौधरी के खिलाफ रेडकार्नर और लुकआउट नोटिस रेडकार्नर नोटिस जारी करने के लिए सिरसा विजिलेंस ने डीआइजी को पत्र लिखा है। उसके बाद वहां से उसके नोटिस जारी होंगे। मामले में जांचकर्ता सिरसा विजिलेंस में इंस्पेक्टर अनिल सोढ़ी ने बताया कि सुरेश चौधरी के खिलाफ रेडकार्नर और लुकआउट नोटिस जारी होने से वह विदेश नहीं भाग सकेगा। मामले में जवाब दो हिसाब दो के अध्यक्ष राजीव सरदाना ने कहा की मामले में शामिल दोनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए।

यह होता है रेडकार्नर नोटिस

रेड कार्नर नोटिस एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने का अनुरोध है। जिसे किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है। ये दुनियाभर के देशों को उस व्यक्ति के अपराध से अवगत कराता है और अलर्ट भी करता है। आरोपित के पोस्टर भी लगवाए जा सकते है, और उसे स्थानीय पुलिस भी गिरफ्तार कर सकती है।

लुकआउट नोटिस 

लुकआउट नोटिस एक सर्कुलर लेटर है। जिसे भगोड़े आरोपितों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नोटिस को केंद्रीय गृह मंत्रालय जारी करता है। इसके बाद कोई भी आरोपित विदेश नहीं भाग सकता। उसे एयरपोर्ट या अन्य बार्डर पर ही गिरफ्तार किया जा सकता है।

इस मामले में संलिप्तता मिलने पर हुआ था फरार

सिरसा विजिलेंस टीम ने छह अगस्त् को सुरेश चौधरी के ड्राइवर भिवानी के विद्या नगर निवासी सुमित और सिवानी निवासी चपरासी रामपाल को आधार अस्पताल के सामने 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया था। मामले में शिकायतकर्ता रामायण के रामबिलास शर्मा ने बताया था कि सुरेश चौधरी ने लाइसेंस के लिपुलिसए एक लाख रुपये मांगे थे। 40 हजार में डील फिक्स हुई थी।

ये मिले थे सुरेश चौधरी संलिप्तता के सबूत

चपरासी और ड्राइवर के साथ विजिलेंस टीम ने मौके पर गाड़ी से सुरेश चौधरी का पर्स भी बरामद किया था।

वीडियो फुटेज में भी सुरेश चौधरी तोशाम रोड की तरफ जाता दिखाई दिया था।

रामबिलास के साथ आडियो रिकार्डिंग में भी डील करने की बात सामने आई थी।

चपरासी और ड्राइवर ने रिश्वत के रुपये आपस में बांटने की बात भी कबूल की थी।

केस दर्ज होने पर किए जा चुके सस्पेंड 

सुरेश चौधरी को विभाग की तरफ से सस्पेंड भी किया जा चुका है। विजिलेंस द्वारा केस दर्ज होने बाद मुख्यालय से इस बारे में नोटिस जारी किए गए थे।

बीते 44 दिन से विजिलेंस ने यहां-यहां की छापेमारी 

सुरेश चौधरी की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस टीम ने उसके मकान भिवानी स्थित आलीशान मकान पर दो बार छापेमारी की।

सुरेश चौधरी की अग्रोहा स्थित गैस एजेंसी पर भी दो बार छापेमारी की गई।

सुरेश चौधरी के जींद के जामणी गांव में छापेमारी की गई, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।

सुरेश चौधरी के फोन नंबर और परिचितों के नंबर भी ट्रेस किए गए।

सुरेश चौधरी के मामले में कभी कश्मीर तो कभी गुवाहाटी में लोकेशन बताई गई, लेकिन ये फर्जी निकली।


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