दुष्कर्म मामले में गवाही से मुकरा दंपती, फिर अदालत ने सुनाई ऐसी सजा
इस मामले में नाबालिग पहले ही अपने बयान से मुकर कर गई थी जिस कारण आरोपित को कई माह पहले बरी किया जा चुका है। अब दंपती की गवाही बाकी थे और अब वे भी अपने बयान से मुकर गए।
रोहतक, जेएनएन। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में गवाही से मुकरने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने दंपती को दिनभर कोर्ट परिसर में खड़ा रहने की सजा सुनाई। दोनों पर 500-500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में नाबालिग पहले ही अपने बयान से मुकर कर गई थी, जिस कारण आरोपित को कई माह पहले बरी किया जा चुका है।
महम थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली नाबालिग लड़की ने युवक पर दुष्कर्म, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में बयान के दौरान नाबालिग अपने बयान से मुकर गई थी। वहीं मामले में गवाह बना दंपति भी गवाही से मुकर गया था। इस पर कोर्ट ने आरोपित को इसी साल अप्रैल माह में बरी कर दिया था।
लड़की के नाबालिग होने के कारण कोर्ट ने उसे कोई सजा नहीं दी। दंपति को तभी से नोटिस जारी किए जा रहे थे। बुधवार को दंपति अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट में पहुंचा। जिस पर उन्होंने लिखित में अपनी गलती स्वीकार किया की और कोर्ट से माफी मांगी।
लेकिन कोर्ट ने गवाही से मुकरने के मामले को गंभीरता से लिया, जिसके बाद दंपति को शाम चार बजे तक कोर्ट परिसर में खड़े रहने की सजा सुनाई। इसके साथ ही दंपति पर 500-500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। गौरतलब है कि कोर्ट में गवाही से मुकरने पर पहले भी इस तरह की सजा सुनाई जा चुकी है।