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मधुमक्खी पालन कर स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं बेरोजगार युवा

उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान से वे लघु स्तर पर मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:58 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:58 AM (IST)
मधुमक्खी पालन कर स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं बेरोजगार युवा
मधुमक्खी पालन कर स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं बेरोजगार युवा

जागरण संवाददाता, हिसार : बेरोजगार युवा मधुमक्खी पालन को अपनाकर अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा किसान खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन को सहयोगी व्यवसाय के रूप में अपनाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। मधुमक्खी पालन को किसान थोड़े से पैसे से शुरू कर अपने व्यवसाय को बड़े स्तर तक बढ़ा सकते हैं। यह बातें चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान के डा. अशोक गोदारा, सह निदेशक(प्रशिक्षण)ने व्यक्त किए।

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वे संस्थान की ओर से मधुमक्खी पालन विषय पर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर प्रशिक्षणार्थियेां को संबोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण का आयोजन विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आरएस हुड्डा की देखरेख व मार्गदर्शन में किया जा रहा है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान से वे लघु स्तर पर मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

परागकरण क्रिया द्वारा फसल की पैदावार बढ़ाने में भी है सहायक

कीट विज्ञान विभाग के सहायक निदेशक डा. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मधुमक्खी परागकरण क्रिया द्वारा फसल की पैदावार बढ़ाने में भी सहायक होती है। इस व्यवसाय को वे लोग भी शुरू कर सकते हैं, जिनके पास जमीन का अभाव है या फिर जमीन नहीं है। उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में मधुमक्खी पालन अधिक मुनाफा देता है, क्योंकि इस समय फसल पर फूलों की संख्या बहुत अधिक होती है जो मधुमक्खी को शहद बनाने के लिए जरूरी होते हैं। उन्होने मधुमक्खियों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में बताते हुए उनके जीवन चक्र और कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मधुमक्खी पालन से यह प्रोडक्ट किए जा सकते हैं तैयार

मधुमक्खी पालन से शहद के अतिरिक्त भी अन्य पदार्थ जैसे मोम, प्रोपोलिस पराग, रायल जैली इत्यादि मिलते हैं, जिससे किसान अधिक लाभ कमा सकता है। डा. तरुण वर्मा ने बताया कि मधुमक्खी पालन शुरू करने के लिए अक्टूबर-नवंबर का महीना सबसे सही समय है। उन्होंने प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन के लिए जरूरी उपकरणों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित अन्य प्रदेशों के 40 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।


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