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बादली एनसीआर नहर में दिल्‍ली के तीन सिविल इंजीनियर दोस्‍त डूबे, मौत, सभी के शव मिले

झज्‍जर में बादली एनसीआर नहर में तीन युवक नहाने के लिए उतरे। तीनों युवक गहरे में चले गए और डूब गए। तीनों के शव मिल गए हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 10:30 AM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 02:59 PM (IST)
बादली एनसीआर नहर में दिल्‍ली के तीन सिविल इंजीनियर दोस्‍त डूबे, मौत, सभी के शव मिले
बादली एनसीआर नहर में दिल्‍ली के तीन सिविल इंजीनियर दोस्‍त डूबे, मौत, सभी के शव मिले

हिसार/झज्‍जर, जेएनएन। रोक के बावजूद बादली की एनसीआर नहर में नहानेे के दौरान युवाओं के डूबने का सिलसिला जारी है। बुधवार को तीन दोस्त बादली की नहर में डूब गए। तीनों नहर में नहाने उतरे थे। सूचना मिलने पर बादली पुलिस मौके पर पहुंची। सभी के शव निकाल लिए गए हैं।

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बादली की एनसीआर नहर में तीन युवक डूब गए। प्राथमिक सूचना के अनुसार एनसीआर नहर में तीनों नहाने के लिए उतरे थे। तीनों अच्छे दोस्त बताए जा रहे हैं। तीनों दिल्‍ली के हैं और तीनों युवक एक निर्माणाधीन यूनिवर्सिटी में बतौर सिविल इंजीनियर अपनी सेवाएं दे रहे थे। 

बादली थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे। लोगों की मदद से युवकों की तलाश की गई। रस्‍सी की मदद से बचावकर्मी नहर में उतरे। वहीं नहर की गहराई अधिक होने की वजह से थोड़ी मुश्किल आ रही थी। 

डूबने वालों की पहचान 

- प्रदीप पुत्र जगदीश चंद्र निवासी प्रेम नगर, नजफगढ़, दिल्ली

- आशीष भारद्वाज पुत्र विजय पाल भारद्वाज निवासी मंसा राम पार्क, उत्तम नगर, नई दिल्ली

- एस.एम मुर्सलीन पुत्र एस.एम मुर्सलीन निवासी बीमा एन्कलेव, नांगलाई, निलोठी वेस्ट, दिल्ली

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह तीनों किस समय नहाने के लिए आए थे। जिस स्थान पर गाड़ी खड़ी मिली है। इससे करीब एक किलोमीटर की दूरी पर आशीष का शव मिला है। जबकि, दूसरे साथी एस. एम. मुर्सलीन का शव का गाड़ी से चार किलोमीटर दूरी पर देवरखाना मोड़ के लिए नजदीक बरामद हुआ है। 

तीनों युवक एक निर्माणाधीन यूनिवर्सिटी में बतौर सिविल इंजीनियर अपनी सेवाएं दे रहे थे। मंगलवार शाम को अपना काम खत्म करने के बाद घर वापिसी के समय वे नहर में नहाने के लिए रुके थे। सुबह से पुलिस के स्तर पर चलाए गए तलाशी अभियान के बाद उनके शव बरामद हुए हैं। तीनों शव पोस्टमार्टम के लिए बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल में लाये गए हैं।

ये भी एक वजह

एनसीआर नहर में नहाने के दौरान कई बार हादसे हो चुके हैं। प्रशासन की ओर से भी यहां नहाने पर रोक है। स्थानीय लोग नहर की वास्‍तविक  स्थिति और गहराई से परिचित हैं। इसलिए वे नहर में नहीं जाते। जबकि कई बार बाहरी लोग नहाने के लिए नहर में उतर जाते है। गहराई और पानी के बहाव की वजह से वह तैर नहीं पाते और डूब जाते हैं। 


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