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तीन दिन बाद बनी बात, मृतकों को 20-20 लाख की सहायता, तीसरे मजदूर की मौत

संवाद सहयोगी, बरवाला : राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ में 8 मई को हुए हादसे में झुलसे तीसरे मजदू

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 08:00 AM (IST)
तीन दिन बाद बनी बात, मृतकों को 20-20 लाख की सहायता, तीसरे मजदूर की मौत
तीन दिन बाद बनी बात, मृतकों को 20-20 लाख की सहायता, तीसरे मजदूर की मौत

संवाद सहयोगी, बरवाला : राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ में 8 मई को हुए हादसे में झुलसे तीसरे मजदूर छोटे लाल की बृहस्पतिवार सुबह मौत हो गई। मृतक उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के गांव चिकटोलिया का रहने वाला था। वहीं, 38 घंटे की बातचीत के बाद दोपहर को प्रशासन के साथ समिति की सहमति बन गई। सहमति के बाद मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और तीनों घायलों को 10-10 लाख रुपये की सहायता देने का एलान किया गया। साथ ही मृतकों के परिवार के एक-एक सदस्य को एचपीजीसीएल में नौकरी दी जाएगी। यह फैसला बृहस्पतिवार दोपहर को बातचीत के बाद हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने यह घोषणा थर्मल प्लांट के गेट पर शवों को रखकर धरने पर बैठे ग्रामीणों के समक्ष की। उन्होंने धरना समाप्त करने व शवों का अंतिम संस्कार करने की अपील की, जिसे ग्रामीणों ने मान लिया।

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हादसे के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए मुख्यालय के डीएसपी, एक इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर को शामिल करते हुए एसआइटी गठित कर दी गई है। इसके अलावा प्लांट के एसई, एक्सईएन व एसडीओ को चार्जशीट करते हुए उनका तबादला किया जाएगा। पंवार ने घोषणा की कि झुलसे हुए पीड़ितों का उचित उपचार सरकार द्वारा करवाया जाएगा। परिवहन मंत्री की अपील और घोषणाओं से सहमत होने के बाद गांव के श्मशान घाट में मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिवहन मंत्री बोले- पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति

ग्रामीणों के बीच परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि यह हादसा बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और उनकी पूरी सहानुभूति पीड़ित परिवारों के साथ है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिवार को सरकार की ओर से साढ़े 17 लाख रुपये और घायल को साढ़े सात लाख रुपये नकद दिए जाएंगे। इसके अलावा सभी छह पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा विभागीय योजना के तहत ढाई-ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी छह परिवारों के एक-एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी। घायलों का सरकार की ओर से उचित उपचार करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो घायल पुलिस में अपने बयान दर्ज करवाना चाहेगा, उसके बयान दर्ज करवाए जाएंगे। हादसे के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है। अधिकारी जांच को प्रभावित न कर सकें और ग्रामीणों द्वारा की ओर से की जा रही मांग के आधार पर प्लांट के एसई, एक्सईएन व एसडीओ को चार्जशीट करते हुए उनका यहां से तबादला किया जाएगा।

परिवहन मंत्री के आश्वासन के बाद किया अंतिम संस्कार

परिवहन मंत्री के आश्वासन के बाद मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया। परिवहन मंत्री ने मृतक कर्मचारियों की आत्मा की शांति की कामना करते हुए लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार और प्रशासन पूरी तरह से पीड़ित परिवारों के साथ है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी। उन्हें भरोसा दिलाया कि हादसे के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा, फिर चाहे वह किसी भी स्तर का अधिकारी या प्रभावशाली व्यक्ति ही क्यों ना हो।

ये अधिकारी और नेता रहे मौजूद इस अवसर पर उपायुक्त अशोक कुमार मीणा, पूर्व मंत्री प्रो. छत्तरपाल ¨सह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया, पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी, विधायक अनूप धानक, श्रम विभाग के चेयरमैन रमेश बल्हारा, एसडीएम पृथ्वी ¨सह, इनेलो जिला अध्यक्ष राजेंद्र लितानी, भाजपा जिला महामंत्री आशा रानी खेदड़, चेयरमैन जोगीराम सिहाग, पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, सीमा गैबीपुर, मार्केट कमेटी चेयरमैन रणधीर धीरू, जोगीराम खेदड़, शीला भ्याण,किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश संदलाना, भूपेंद्र गंगवा, तेजबीर पूनिया, धर्मवीर गोयत, पाबड़ा सरपंच राजेश ढिल्लों, रणधीर नैन उर्फ धीरा जाट, पूर्व सरपंच राजेश सोनी, ब्रह्मप्रकाश, कलीराम, मा. गुलाब ¨सह, दयानंद शर्मा, शमशेर सरपंच, पूर्व चेयरमैन बृज लाल आदि मौजूद रहे। बॉक्स.

यह था पूरा मामला खेदड़ राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट में हुए बड़े हादसे में से आहत खेदड़ के ग्रामीणों ने 2 मृतक श्रमिकों के शवों को बुधवार को प्लांट के गेट के सामने रख अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था। ग्रामीणों ने एलान किया था कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वह मृतक श्रमिकों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। ग्रामीण और प्रशासन के बीच कई दौर की बातचीत चलती रही लेकिन सिरे नहीं चढ़ पाई। बुधवार को दोबारा फिर ग्रामीण और प्रशासन के बीच बातचीत हुई। सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री कृष्ण लाल पंवार धरनारत लोगों से मिलने पहुंचे। आखिरकार उन्होंने ग्रामीणों की कमेटी से बातचीत कर उनकी जायज मांगों को मानते हुए लोगों को धरने से उठाया और शवों का अंतिम संस्कार किया गया।


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