हिसार का युद्ध नशे के विरुद्ध के तहत आज 270 सरकारी स्कूलों में नशे के खिलाफ जंग की शुरुआत
जिले के 270 सरकारी स्कूलों में पुलिस और शिक्षा विभाग के सहयोग से छात्रों को ड्रग व अन्य नशीले पदार्थों बारे जागरूक करने और नशे के खिलाफ एकजुट करने के लिए हिसार का युद्ध नशे के विरुद्ध के तहत एक दिन के कार्यक्रम का आयोजन होगा।
जागरण संवाददाता, हिसार: जिले के 270 सरकारी स्कूलों में पुलिस और शिक्षा विभाग के सहयोग से छात्रों को ड्रग व अन्य नशीले पदार्थों बारे जागरूक करने और नशे के खिलाफ एकजुट करने के लिए ''हिसार का युद्ध नशे के विरुद्ध '' के तहत एक दिन के कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के तहत नशे के खिलाफ एक जंग की शुरुआत की जाएगी। कार्यक्रम में यूट्यूब वीडियो के जरिये, बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाएगा। इस दौरान डिबेट और पेंटिग प्रतियोगिता आयोजित होगा। बच्चों को इनकार का पहिया बुकलेट के जरिये नशे को ना करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा और नशे के लिए मना करने के कई तरीकों से छात्रों को अवगत जाएगा। नशे और मादक चीजों के सेवन से होने वाली हानियों के बारे में भी बताया जाएगा। बुकलेट के जरिये भी समझाया जाएगा कि नशा करने वाले लोगों के लिए अपमानजक शब्दों का प्रयोग न करें। बताया जाएगा कि उनके साथ भी अच्छा व्यवहार कर चाहिए। साथ ही नशा क्या है, लोग नशा क्यों करते है। इसके कितने प्रकार है। इसके सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव क्या है और समाज, शरीर और परिवार को होने वाली हानियों से भी अवगत करवाया जाएगा।
ऐसे लगती है ड्रग्स की लत
दोस्तों और सहकर्मियों से - नशे करने वाले दोस्तों और सहकर्मियों के साथ नशे की लत लग सकती है। यह जिज्ञासावश शुरु हो सकती है, या नशे के अनुभव को लेने की शुरुआत करने पर धीरे-धीरे नशा लेने की आदत बन जाती है।
दोस्त रुपये कमाने के लिए ड्रग्स बेच सकते है। भावनाओं में हेरफेर, तनावग्रस्त होना, अपने-आपको दोषी मानना, दिखावा करना आदि कारणों से भी किशोर व युवा नशे के शिकार हो सकते है।
ड्रग्स या कोई अन्य नशा लेने वाले किसी भी हद तक जा सकते है। यह लोग जीवन की वास्तविकता से बचते फिरते है। इनकी पहचान जरुरी है।
नशा लेने पर मिलते है यह लक्षण -
1. खेलकूद व दिनचर्या में अरुचि।
2. भूख व वजन में कमी।
3. लड़खड़ाते, कदम, शरीर में कंपकंपी।
4. आंख में लालिमा सूजन व धुंधलापन।
5. जुबान लड़खड़ाना।
6. शरीर पर कई जगह टीके के निशाने मिलना, कपड़ों पर खून के धब्बे मिलना।
7. घर में सुईयों व अजीबो-गरीब पैकिटों का पाया जाना।
8. उल्टी और शरीर में पीड़ा होना।
9. अनिद्रा, शरीर में पसीना अधिक आना।
10. मनोदशा में बदलाव, नीरसता। बचाव के लिए यह करें -
1. अपने बच्चों से मित्र की तरह व्यवहार करें, उनसे उनकी समस्याएं जानिए।
2. अपने बच्चों से उनके आचरण की जानकारी हासिल करें और उनकी कमियों को दूर करने का प्रयास करें।
3. अपने बच्चों की गलती पर अधिक प्रतिक्रिया न करें।
4. अपने घर पर रखी दवाओं पर निगरानी रखें।
5. अपने बच्चों को नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव तथा हानि के बारे में बताएं।
6. स्वयं शराब या मादक दवाओं से दूर रहकर आदर्श प्रस्तुत करें। यदि आपका बच्चा दवाओं का आदि हो गया हो तो उसके साथ समझदारी से पेश आए। हिसार जिला प्रशासन की ओर से आज नशे के खिलाफ कार्यक्रम की बड़े स्तर पर शुरुआत होने जा रही है। इससे पहले भी हम समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम करवा चुके हैं। यकीनन इस कार्यक्रम के जरिये एक सकारात्मक संदेश विद्यार्थियों के बीच जाएगा।
- अनुष्का, सुशासन सहयोगी