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एमडीयू के विद्यार्थियों में पढऩे की ललक, संचार कौशल को बढ़ावा देने की जरूरत : कुलपति

साक्षात्कार दैनिक जागरण संवाददाता ने एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह से की खास बातचीत।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 02:06 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 02:06 PM (IST)
एमडीयू के विद्यार्थियों में पढऩे की ललक, संचार कौशल को बढ़ावा देने की जरूरत : कुलपति
एमडीयू के विद्यार्थियों में पढऩे की ललक, संचार कौशल को बढ़ावा देने की जरूरत : कुलपति

केएस मोबिन, रोहतक : मेरा मानना है कि जो विद्यार्थी सवाल नहीं करते उनकी शिक्षा में कुछ कमी है। यहां के विद्यार्थी सवाल करते हैं जोकि अच्छे संकेत हैं। विवि में राजनीतिक सोच विकसित होनी चाहिए, हालांकि राजनीति करने की सही जगह विवि परिसर नहीं है। यह कहना है महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह का। बृहस्पतिवार को उन्हें तीन साल के लिए स्थाई कुलपति के पद पर नियुक्ति मिली। दैनिक जागरण संवाददाता ने नवनियुक्त कुलपति से खास बातचीत की। कुलपति ने डिजिटल प्रशिक्षण, नए पाठ्यक्रमों के संचालन और विद्यार्थियों व इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित नीतियों पर बातचीत के दौरान बताया।

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सवाल : कार्यवाहक कुलपति के तौर पर मिले अनुभव के आधार पर किस तरह की योजनाओं पर काम करने का विचार है?

जवाब : विश्वविद्यालय के पास बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। टेक्सपेयर के पैसों से बनाई गई इमारतों पर सही इस्तेमाल करना सुनिश्चित करेंगे। प्रत्येक विभाग में जरूरत के हिसाब से शॉर्ट ट्रम कोर्स संचालित किए जाएंगे।

सवाल : एमडीयू के विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, उनके लिए कोई योजना?

जवाब : विवि में पहले से ही संचालित यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर कंपीटीटिव एग्जाम (यूसीसीइ) को एक्सीलेंस सेंटर के तौर पर विकसित किया जाएगा। आर्थिक तंगी में कई बार विद्यार्थी तैयारी नहीं कर पाते। एक्सीलेंस सेंटर से ऐसे विद्यार्थियों को मदद मिलेगी। फिलहाल दिल्ली व अन्य शहरों में विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करने जा रहे हैं। लेकिन वहां महंगी फीस और ठहरने की व्यवस्था साधारण परिवार के छात्र देने में समक्ष नहीं होता। एमडीयू में ही ऐसी व्यवस्थाएं की जाएगी।

सवाल : आप डिजिटल पहल के लिए जाने जाते हैं। विवि में किस तरह से डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जाएगा?

जवाब : विवि में डिजिटल लाउंज की स्थापना की जानी है। यहां विद्यार्थियों के साथ ही प्राध्यापकों को भी डिजिटलाइजेशन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कॉनसोर्टियम ऑफ एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीइसी) के साथ ई-कंटेट के लिए एमओयू करेंगे। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) में तहत भी प्राध्यापकों को प्रशिक्षित करेंगे।

सवाल : एमडीयू के विद्यार्थियों की क्षमताओं को कैसे आंकते हैं?

जवाब : यहां के ज्यादातर विद्यार्थी पढ़ाई में अच्छे हैं। पढऩे की ललक है। प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर कर रहे हैं। हालांकि, संचार कौशल में पिछड़ जाते हैं। इस ओर ध्यान खास ध्यान दिया जाएगा। विदेशी भाषाओं के साथ ही भारतीय भाषाओं के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करेंगे।

सवाल : आप मास कम्यूनिकेशन  के क्षेत्र से आते हैं। आपके ही कार्यकाल में टीवी स्टूडियो की शुरुआत हुई, क्या कम्युनिटी रेडियो जैसी सुविधा की भी योजना है?

जवाब : फिलहाल, इस पर विचार नहीं किया जा रहा। रेडियो स्टूडियो के लिए फ्रिक्वेंसी लेने की लंबी प्रक्रिया है। हालांकि, रेडियो कम्युनिटी  शुरू करने की योजना है। साथ ही विवि के अन्य प्राध्यापकों को भी टीवी स्टूडियो में लेक्चर आदि रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित करेंगे। ताकि विद्यार्थियों को फायदा हो और सुविधा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सके। 

सवाल : विवि में काटे जा रहे पेड़ों पर कुछ विद्यार्थी संगठन विरोध कर रहे हैं। इस पर क्या कहना है

जवाब : यह कोई मुद्दा नहीं बनता। इसके लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जिन पेड़ों को काटा जा रहा है वह फसल के तौर पर लगाए गए थे। इनकी कीमत भी कम होती जा रही थी। वन विभाग की ओर से लगाए आंकलन से फिलहाल ज्यादा कीमत मिली है।


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