किसान आंदोलन : हरियाणा के किसान संगठनों की सक्रियता से बनी असमंजस की स्थिति, पंजाब की दो जत्थेबंदी आज निकाल रही ट्रैक्टर मार्च
30 दिसंबर को हुई सरकार से बातचीत के बाद ट्रैक्टर मार्च को स्थगित कर दिया गया था लेकिन शनिवार सुबह पंजाब के भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहा) के गुरप्रीत सिंह ने बताया कि रोहद टोल से लगभग दो हजार ट्रैक्टर चलकर सांपला से झज्जर जाएंगे।
बहादुरगढ़, जेएनएन । किसान आंदोलन के बीच जब सरकार से वार्ता सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है, तब हरियाणा के किसान संगठनों की सक्रियता ने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। आंदोलन को एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रखी गई चार मांगों में से दो पर सहमति बन चुकी हैं और शेष दो पर 4 जनवरी को बातचीत होनी है। ऐसे में हरियाणा के किसान संगठनों की ओर से 5 जनवरी को टीकरी बॉर्डर पर मीटिंग बुलाने के ऐलान को नया पेंच माना जा रहा है।
उधर, पंजाब के किसानों की दो जत्थेबंदी आज बहा़दुरगढ़ के रोहद टोल से ट्रैक्टर मार्च निकाल रही हैं। यह सांपला-झज्जर-रेवाड़ी होता हुआ शाहजहांपुर बाॅर्डर की तरफ जाएगा। 30 दिसंबर को हुई सरकार से बातचीत के बाद ट्रैक्टर मार्च को स्थगित कर दिया गया था और 4 जनवरी तक नई गतिविधि न करने का एलान किया गया था, लेकिन शनिवार सुबह पंजाब के भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहा) के गुरप्रीत सिंह ने बताया कि रोहद टोल से लगभग दो हजार ट्रैक्टर चलकर सांपला से झज्जर जाएंगे। इसी संगठन के जगशेर सिंह ने कहा कि हमारी इस आंदोलन में दो जत्थेबंदी है। उनकी तरफ से यह तय किया गया था कि ट्रैक्टर मार्च तो निकालना ही है।
विगत में ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने का जो फैसला लिया था वह पंजाब की बाकी 27-28 जत्थेबंदी का फैसला होगा, हमारा नहीं। उन्होंने तो यह कहा कि ट्रैक्टर मार्च तीन दिनों तक चलेगा। इधर, किसानों द्वारा अचानक से लिए गए इस फैसले से पुलिस-प्रशासन भी असहज हो गया है। इतनी संख्या में ट्रैक्टरों के एक साथ सड़क पर उतरने से बाकी यातयात को अवरुद्ध होने से रोकने में पुलिस-प्रशासन जुट गया।