शहर में फिर शुरू हुआ पॉलीथिन मुक्त अभियान, आज से कटेंगे चालान
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर में चार बार चलाया गया पॉलीथिन मुक्त अभियान बृहस्पतिवार से फिर शुरू होने
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर में चार बार चलाया गया पॉलीथिन मुक्त अभियान बृहस्पतिवार से फिर शुरू होने जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण को ध्यान में रखते हुए पॉलीथिन पर नकेल कसने के लिए यह अभियान शुरू किया जाएगा। सभी 20 वार्डों में यह अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान अगर पॉलीथिन मिली तो दुकानदारों, रेहड़ी संचालकों आदि के चालान काटे जाएंगे। सक्षम युवाओं को साथ लेकर यह टीम चालान काटेगी। पॉलीथिन मुक्त शहर बनाने को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता निगम आयुक्त अशोक बंसल ने की। जबकि संयुक्त आयुक्त जयवीर यादव, तहसीलदार विनय चौधरी, जिला नगर योजनाकार संजीव मान, नायब तहसीलदार हरकेश गुप्ता, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र ¨सह और एएफएसओ अनुराधा सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
निगम आयुक्त ने बताया कि गीले कूड़े की खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद बचे हुए 40 फीसद पॉलीथिन के कचरे को खत्म करने के लिए प्रशासन ने यह अभियान शुरू किया है। जहां गीले कूड़े की खाद बन जाती है, यह पॉलीथिन सालों तक नहीं गलती। जहां यह जमीन को बंजर बनाती है, वहीं पर्यावरण को भी प्रदूषित करती है। इसलिए पॉलीथिन के खिलाफ सख्ती से अभियान चलाया जाएगा।
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यह रहेगी अभियान की रूपरेखा
निगम आयुक्त अशोक बंसल के अनुसार सभी 20 वार्डों के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं। जो वार्ड वाइज अभियान चलाकर चालान काटेंगी। दुकानदार, रेहड़ी वाले आदि पॉलीथिन का प्रयोग करते पाए गए तो उनके चालान काटे जाएंगे। इस दौरान सक्षम युवाओं की टीम भी साथ रहेगी।
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पॉलीथिन की जगह इनका होगा प्रयोग
. जूट का थैला
. कपड़े का थैला
. बायोडिग्रेबल पॉलीबैग का प्रयोग
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पॉलीथिन से नुकसान
. 200 साल तक पॉलीथिन नहीं गलता, जिससे भूमि बंजर होती है।
. पॉलीथिन जलाने से हानिकारक गैसें निकलती है, जो पर्यावरण को प्रदूषित करती है।
. खुले में पड़े पॉलीथिन को बेसहारा गाय खाती है, जिससे सैकड़ों गायों की मौत आज तक हो चुकी है।
. शहर और वार्ड की खूबसूरती पॉलीथिन से खराब होती है।
. खाद्य पदार्थों में पॉलीथिन का प्रयोग करने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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बीच में न थम जाए अभियान
नगर निगम में पहले भी कई बार पॉलीथिन बैन करने को लेकर अभियान चला चुकी है। एक सप्ताह के बाद ही अभियान धरातल पर गायब हो जाता है। निगम और अन्य अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं लेते है। इससे जनता में गलत इमेज प्रशासन की बन चुकी है। पूर्व में 100 के करीब ही चालान पॉलीथिन के चालान काटे गए थे। अब दोबारा से पॉलीथिन अभियान कामयाब हो पाएगा या बीच में थम जाएगा। इस पर संशय बना रहेगा।