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फर्जी बिलों के जरिए सरकारी विभागों में चल रहा था खेल

मुंशी को वेतन नहीं मिला तो मालिक की खोल दी पोल

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 07:19 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 07:19 AM (IST)
फर्जी बिलों के जरिए सरकारी विभागों में चल रहा था खेल
फर्जी बिलों के जरिए सरकारी विभागों में चल रहा था खेल

-मुंशी को वेतन नहीं मिला तो मालिक की खोल दी पोल

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- आरोप है कि फर्जी बिलिग कर सरकारी विभागों को सामान किया जाता है सप्लाई जागरण संवाददाता, हिसार : सरकारी विभागों में मिलीभगत कर सामान भेजने के मामले में पुलिस ने फर्म संचालक कृष्ण कुमार सहित दो मुंशियों पर धोखाधड़ी की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। तोशाम निवासी सौरभ ने तीन लोगों पर उससे व सरकारी विभागों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत अर्बन एस्टेट थाने में की गई तो पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। शिकायतकर्ता सौरभ ने शिकायत में बताया कि निरंकारी भवन रोड पर स्थित अग्रवाल स्टील व‌र्क्स के प्रो. कृष्ण कुमार की फर्म पर माडल टाउन निवासी मंजीत और रामअवतार को मुंशी रखा हुआ है। सौरभ का आरोप है कि आरोपी समय-समय पर इनके फर्जी कागजात पर फर्जी कोटेशन व फर्जी बिल बनवाकर देता रहता है। पीड़ित का आरोप है कि आरोपी ने फर्जी बिल व फर्जी कोटेशन सरकार के महकमा में दे रखी हैं। फर्जी कोटेशन, फर्जी फर्मों व फर्जी दस्तखत के आधार पर वन विभाग, शिक्षा विभाग व अन्य सरकारी महकमों में करोड़ों रुपयों का गबन कर चुका है। फर्जी फर्मों के आधार पर करोड़ों रुपये सरकार का टैक्स भी नहीं दिया। सौरभ ने बताया कि आरोपितों ने अलग-अलग लोगों के नाम से फर्जी फर्में तैयार कर विभागों से धोखाखड़ी से करोड़ों रुपये का गबन किया है। मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 406 सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं फर्म संचालक कृष्ण कुमार ने आरोप निराधार बताते हुए कहा कि वह सिर्फ अपनी फर्म से सामान व कोटेशन देते हैं। अगर किसी सरकारी विभाग ने फर्जी फर्मों के बिल या कोटेशन लगा रखी हैं तो इसकी जिम्मेदारी उस विभाग के मुखिया की है।

वेतन न देने के बाद मुंशी ने खोल दी पोल

सौरव ने आरोप लगाया कि फर्म संचालक कृष्ण कुमार की अग्रवाल स्टील में 2012 से 2018 तक मुंशी के पद पर कार्यरत था। नौकरी देने के समय 30 हजार रुपए वेतन की बात हुई थी। इस दौरान के 68 महीने में उसका 20 लाख रुपए वेतन बना, लेकिन फर्म संचालक ने उसे सिर्फ 8 लाख रुपए का भुगतान किया। जब उसने बाकी पैसे मांगे तो कृष्ण कुमार ने उसे जान से मारने की धमकी देकर जाने को कह दिया। इसके बाद सौरभ ने आरटीआई के जरिए कुछ जानकारी जुटाईं और फर्म में चल रहे सरकारी अफसरों के साथ मिलीभगत कर फर्जीवाड़े का खुलासा करने की ठान ली। जब सौरभ को सुबूत मिल गए तो मामले की शिकायत सुबूत सहित हिसार आईजी को कर दी। लिहाजा पुलिस ने मुंशी की शिकायत पर निरंकारी रोड पर अग्रवाल स्टील के संचालक कृष्ण कुमार, फर्म के दो मुंशी मंजीत व रामअवतार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

फर्म संचालक का यह था काम

सौरव के आरोप हैं कि फर्म का संचालक सरकारी स्कूल, वन विभाग में जंगले, जाली, दरवाजे आदि सप्लाई का सरकारी ठेका लेता है। आरोपित ने अपनी कंपनी के अलावा दो अन्य फर्जी कंपनियों के लैटर हेड प्रकाशिकत करवा रखे हैं। उन्ही पर सरकारी कोटेशन भेजी जाती है। इसके बाद शिक्षा विभाग व वन विभाग के अधिकारियों से साठगांठ करके बिना जीएसटी का बिल और कम वजन का सामान उनको सप्लाई करता है। इस तरह वह सरकार के साथ लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।

पुलिस को सौंपे सभी दस्तावेज

सौरव ने पुलिस को फर्म के फर्जी बिल व सरकारी विभागों से कनेक्शन से जुड़े दस्तावेजों को सुपुर्द कर दिया है। इस दस्तावेजों के आधार पर पुलिस जांच में जुट गई है। इसमें वन विभाग और शिक्षा विभाग से जुड़े कई स्थानों का जिक्र भी किया गया है। जहां फर्म के माध्यम से फर्जी बिलिग कर सामान पहुंचाया गया है। यह सामान 2017 से 2019 के बीच में सप्लाई किया गया है। सौरव ने शिक्षा विभाग को बगला, खांडाखेड़ी, पनिहारी, हसनगढ़, पेटवाड़, खरबला, बुड़ाक, काबरेल, ढाणी खान बहादुर, गंगवा, धांसू, भाटला, बडाला, उगालन के सरकारी स्कूलों में किए गए काम व बिलों में किए गए हेरफेर की जानकारी दी है।


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