गाड़ी के आगे आए थे बेसहारा पशु, हादसे के बाद भाग गया था चालक
जागरण संवाददाता, हिसार : काजला मोड़ पुल पर बुधवार को हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए पा
जागरण संवाददाता, हिसार : काजला मोड़ पुल पर बुधवार को हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए पांच लोगों की मौत के बाद परिजनों ने रोडवेज बस चालक पर मामला दर्ज करवा दिया है। एफआइआर में दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के आगे बेसहारा पशु के आगे आने और हादसे के बाद चालक को मौके से भागा हुआ दिखाया है। उधर, मामला दर्ज होने के बाद से रोडवेज यूनियन में भी रोष है। गलती नहीं होने की बात कहते हुए यूनियन शुक्रवार को एसपी से मिलेगी। दूसरी तरफ सांसद ने भी पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर ओवर स्पीड को कंट्रोल करने के लिए मंगवाई जाने वाली स्पीड रडार गन की खरीद नहीं होने को एक बड़ा कारण बताते हुए जांच के लिए कहा है।
फतेहाबाद के काठमंडी निवासी ओम प्रकाश को हार्ट अटैक की शिकायत के चलते उनके दो बेटे व भाई पड़ोसी विकास के साथ उन्हें हिसार लेकर आ रहे थे। रास्ते में उनकी गाड़ी का संतुलन बिगड़ा और हादसे में पांचों की मौत हो गई थी। उस मामले में अब पुलिस ने परिचित कश्मीरी लाल के बयान पर मामला दर्ज कर लिया है।
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यह है एफआइआर
कश्मीरी लाल ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि अचानक उनके दोस्त प्रवीन की गाड़ी के आगे पशु भागकर आ गया। पशु को बचाने के लिए विकास ने अपनी गाड़ी के ब्रेक मारे जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया। गाड़ी पुल की रे¨लग से टकराकर फुटपाथ के ऊपर से दूसरी साइड में सड़क पर चली गई। उसी दौरान हिसार की तरफ से तेज गति से आ रही रोडवेज की बस ने गाड़ी में सीधी टक्कर मार दी। टक्कर लगने के बाद चालक भी मौके से भाग गया। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
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पुलिस ने किया बिना जांच के मामला दर्ज : किरमारा
काजला मोड़ पुल पर हुए सड़क हादसे में अग्रोहा पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद रोडवेज कर्मचारी यूनियन खड़ी हो गई है। कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा ने पुलिस पर बिना जांच किए ही मामला दर्ज करने के आरोप लगाए हैं। किरमारा ने उसे ¨नदनीय और गैर जिम्मेदाराना बताया है। यूनियन के पदाधिकारी इस मामले में आज पुलिस अधीक्षक से मिलेगी। किरमारा ने बताया कि डीएसपी स्तर से इस मामले की जांच करवाई जाए। रोडवेज बस चालक ने तो सभी को बचाने का प्रयास किया था। हादसा तेज गति और टायर फटने के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि बस का चालक ब्रेक नहीं लगाता तो बस भी पुल के नीचे गिर सकती थी। चालक ने सूझ बूझ का परिचय देते हुए गाड़ी को देख ब्रेक लगाए हैं। किरमारा ने कहा कि एफआइआर में लिखा है कि सड़क पर पशु आगे आने के कारण दुर्घटना हुई। यदि ऐसा है तो पहले टोल कंपनी पर मामला दर्ज होना चाहिए। पशु का रोड पर आने के जिम्मेवार टोल कंपनी और हाईवे अथॉरिटी हैं।
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स्पीड रडार गन से जांच होती तो टल सकता था हादसा : सांसद
- पुलिस ने नहीं दिया एस्टीमेट, लापरवाह कर्मचारियों पर हो जांच के बाद कार्रवाई
जासं, हिसार : सांसद दुष्यंत चौटाला के कोटे से लाखों रुपये की दो स्पीड रडार गन की खरीद होनी थी। इसको लेकर सांसद ने दस दिसंबर 2017 को हुई रोड सेफ्टी की बैठक में आदेश दिए थे। मगर उसके बाद आजतक सांसद के पास उसका एस्टीमेट नहीं भेजा। उनकी तरफ से एडीसी को पत्र लिखा था और उन्होंने पुलिस अधीक्षक को। मगर लापरवाही के कारण किसी भी कर्मचारी ने उनको एस्टीमेट आजतक नहीं भिजवाया। अब सांसद दुष्यंत चौटाला ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर उस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है जिसने समय से कार्य पूरा नहीं किया।
सांसद ने कहा कि यदि पुलिस के पास स्पीड रडार गन होती तो जो हादसा हुआ उसको रोका जा सकता था। इस गन से पुलिस कर्मचारी जांच करते और पहले ही गाड़ी को रोक लेते। लेकिन इस मामले में साफतौर पर लापरवाही दिख रही है।
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हादसे के बाद पोस्टमार्टम करवाने से पहले जो भी मौके का गवाह बयान देगा, उसी बयान के मुताबिक ही यदि कोई अपराध बनता है तो एफआइआर दर्ज करनी पड़ेगी। अगर उस दौरान तफ्तीश यह पाया जाता है कि मौके के गवाह ने गलत बयान दिया है तो एफआइआर कैंसिल कर दी जाती है। इसके साथ ही टोल कंपनी की भी जिम्मेदारी बनती है कि टोल की परिधि में कोई भी लावारिस पशु न आए।
- लाल बहादुर खोवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता।