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ब्रिटेन के बाफ्टा ब्रेक थ्रू में देश के 10 लोग चयनित, हिसार के विक्रम की डॉक्यूमेंट्री फिल्म का चयन

विक्रम देश में विभिन्न मुद्दों समाजिक सरोकारों सामाजिक कुरीतियों पर्यावरणीय समस्याएं आदि पर डाक्यूमेंट्री बनाते हैं। इनकी डॉक्यूमेंट्रीराष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चैनलों पर प्रस्तुत की जाती हैं। विक्रम हिसार के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में इम्युनॉलोजी विभाग में विज्ञानी डा. जगबीर रावत के बेटे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 04:28 PM (IST)
हिसार के विक्रम ने बताया बाफ्टा ने ब्रेक थ्रू इंडिया पहल के जरिए पहली बार भारत में कार्यक्रम लॉच किया

हिसार, जेएनएन। ब्रिटिश अकादमी ऑफ फिल्म और टेलीविजन आर्ट्स (बाफ्टा) ब्रेक थ्रू इंडिया पहल के जरिए पहली बार भारत में कलाकारों को वैश्विक मंच देने का कार्य कर रही है। इसके लिए इस बार देशभर से फिल्म, खेल या टेलीविजन क्षेत्र से आवेदन मांगे गए थे। जिसमें देशभर से आवेदन आए। इसमें 10 युवा कालाकारों को बाफ्टा ने फैलोशिप के लिए चुना है। जिसमें हिसार निवासी विक्रम आदित्य रावत को भी फैलोशिप के लिए चयन किया गया है। खास बात है कि विक्रम फ्रीलांस पत्रकार हैं।

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देश में विभिन्न मुद्दों, समाजिक सरोकारों, सामाजिक कुरीतियों, पर्यावरणीय समस्याएं आदि पर डाक्यूमेंट्री बनाते हैं। इनकी डॉक्यूमेंट्रीराष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चैनलों पर प्रस्तुत की जाती हैं। विक्रम हिसार के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में इम्युनॉलोजी विभाग में विज्ञानी डा. जगबीर रावत के बेटे हैं।

दक्षिण भारत में हाथियों पर डॉक्यूमेंट्री की थी शूट

विक्रम बताते हैं कि उन्होंने दो वर्ष का समय लगाकर दक्षिण भारत के हाथियों पर डॉक्यूमेंट्री शुरू की थी। यह हाथ बार-बार जंगल के पास गांव में आते थे, ऐसे में मानव और हाथियों के बीच संघर्ष काफी बढ़ गया था। इस समस्या का हल निकालने वाली संस्था के साथ उन्होंने समस्या को समझा और शूट किया। डॉक्यूमेंट्री शूट करने से लेकर एडिट का कार्य वह खुद ही करते हैं। ऐसे में यह डॉक्यूमेंट अलजजीरा चैनल पर चली। इसी काे लेकर विक्रम ने बाफ्टा में आवेदन किया तो ज्यूरी को उनका कार्य काफी पसंद आया।

हरियाणा के युवाओं को आगे आने के लिए किया प्रेरित

विक्रम ने बताया कि अब उनका अगला प्रोजेक्ट हरियाणा में रहेगा। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि बाफ्टा के जरिए उन्हें अपनी प्रतिभा अंतराष्ट्रीय स्तर पर दिखाने का मौका मिला है। वह विभिन्न गंभीर मुद्दों पर फिल्म बनाकर खुद भी बाफ्टा में आवेदन कर सकते हैं। इस फैलोशिप के जरिए बाफ्टा के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण आदि मिलेगा ताकि उनका कार्य और अच्छा हो। हरियाणा के युवा भी आगे आएं और ऐसे प्रयासों में प्रतिभाग कर अपने राज्य पर ध्यान आकर्षित कराएं।


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