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जुगाड़ पर भारतीय रेल, दरवाजा टूटने पर ट्रेन में लगाया लकड़ी का फट्टा

अश्वनी कुमार, हिसार : आपने जुगाड़ से चलने वाले कई वाहन देखे होंगे। मगर जब भारतीय रेलवे ही जुगाड़ के

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 06:05 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 06:05 PM (IST)
जुगाड़ पर भारतीय रेल, दरवाजा टूटने पर ट्रेन में लगाया लकड़ी का फट्टा

अश्वनी कुमार, हिसार :

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आपने जुगाड़ से चलने वाले कई वाहन देखे होंगे। मगर जब भारतीय रेलवे ही जुगाड़ के सहारे चलने लगे तो आम यात्रियों की जान तो खतरे में पड़ेगी ही। ऐसा ही कुछ हिसार-लुधियाना पैसेंजर ट्रेन 54634 में देखने को मिला। यहां ट्रेन के अंतिम डिब्बे पर क्रॉस के निशान वाले गेट की जगह लकड़ी का फट्टा लगा दिया है। रेलवे का यह जुगाड़ यात्रियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। लुधियाना से हिसार होकर भिवानी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के अंतिम डिब्बे में यह जुगाड़ देखकर हर कोई हैरान था। नियमों के मुताबिक ट्रेन के अंतिम डिब्बे में पीछे की तरफ लाल रंग से क्रॉस का निशान लगाया जाता है। ऐसा यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रख किया जाता है। मगर रेलवे ने ट्रेन के अंतिम डिब्बे का पिछला गेट टूटने पर लकड़ी का फट्टा लगाकर पूरे नियम व कायदे ही ताक पर रख दिए हैं, जोकि पूरी तरह असुरक्षित है। इस पर रेलवे प्रशासन ने अपनी आंखे मूंद कर रखी है। बॉक्स

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अंतिम डिब्बे पर लगा क्रॉस का मतलब

ट्रेनों के अंतिम डिब्बे के बाहर क्रॉस का निशान लगा होता है। इस क्रॉस के निशान से पता चलता है कि यह ट्रेन का अंतिम डिब्बा है। रात के समय यह क्रॉस का निशान चमकता है। वहीं क्रॉस के नीचे लाल रंग की लाइट लगी होती है। ऐसे में दूसरी ट्रेनों के ड्राइवरों को रात के समय क्रॉस के निशान और लाल लाइट से ही अंतिम डिब्बे की पहचान का पता चलता है। लेकिन लुधियाना से हिसार होकर भिवानी जाने वाली ट्रेन के अंतिम डिब्बे में क्रॉस का निशान तो दूर, यहां लगाया गया दरवाजा भी पूरी तरह से असुरक्षित है।

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डिब्बे के अंत में बना होता है शौचालय

ट्रेन के डिब्बे के अंत में शौचालय बना होता है। इन शौचालयों का इस्तेमाल ट्रेन में सफर कर रहे यात्री ही करते हैं, लेकिन वहीं शौचालय के पास जुगाड़ कर लगाया लकड़ी का फट्टा लगाकर यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। जबकि इन शौचालयों को काफी यात्री प्रयोग करते हैं, ऐसे में शौचालय के पास किया गया जुगाड़ रेलवे प्रशासन की पोल खोल रहा है। यहां तक कि इस डिब्बे की ओर किसी भी रेलवे अधिकारी ने ध्यान तक नहीं दिया। बॉक्स

यदि ऐसा है तो वह पूरी तरह से असुरक्षित है। इस बारे में मैकेनिकल विभाग से बातचीत की जाएगी। जल्द से जल्द ट्रेन में लगे डिब्बे को ठीक कराया जाएगा।

- अभय कुमार, सीनियर डीसीएम, बीकानेर मंडल


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