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स्कूल, कालेज एवं शिक्षण संस्थान बंद करने से छात्रों में विरोध, इकट्ठे होकर विरोध की योजना में छात्र संगठन

स्कूल कालेज और शिक्षा संस्थान बंद करने से विद्यार्थियों में विरोध है। छात्र संगठन कालेज और विश्वविद्यालय से आपस में इकट्ठा होकर विरोध जताने की योजना में है। हाल ही में हिसार में छात्र संगठनों ने स्कूल कालेजों और शिक्षण संस्थान खुलवाने की मांगों को लेकर प्रदर्शन जताया था।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 12:11 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 12:11 PM (IST)
स्कूल, कालेज एवं शिक्षण संस्थान बंद करने से छात्रों में विरोध, इकट्ठे होकर विरोध की योजना में छात्र संगठन
स्‍कूल कालेज खुलवाने के लिए प्रदेश में जिला स्तर पर जगह जगह छात्र संगठन कर रहे रोष प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, हिसार। कोरोना महामारी के चलते स्कूल, कालेज और शिक्षा संस्थान बंद करने से विद्यार्थियों में विरोध छाया हुआ है। इसलिए सभी छात्र संगठन कालेज और विश्वविद्यालय से आपस में इकट्ठा होकर विरोध जताने की योजना में है। हाल ही में हिसार में छात्र संगठनों ने स्कूल, कालेजों और शिक्षण संस्थान खुलवाने की मांगों को लेकर प्रदर्शन जताया था। उस दौरान छात्रों के मुंह पर न तो मास्क थे अपने ही समाजिक दूरी थी। जिले में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यक्रम पर भी छात्र संगठन ने सवाल उठाए है। उनका कहना है कि जब भी कोई राजनीति कार्यक्रम होता है तो शिक्षण संस्थान में ही होता हैं। उस समय कोरोना नहीं फैलता है। जब शिक्षण संस्थान खोलने की बात आती है तो संक्रमण फैलने की कहकर बंद करवा दिए जाते हैं।

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प्रदेश में जिला स्तर पर जगह जगह छात्र संगठन शिक्षण संस्थान खुलवाने की मांगों को लेकर इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर रहे है। छात्र संगठन का कहना है कि 2 साल से स्कूल, कालेज एवं शिक्षण संस्थान बंद होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी शोध करने वाले विद्यार्थियों को होती है। कोरोना का सबसे ज्यादा असर पढ़ाई पर ही पड़ा है। 2 साल तो बच्चे डर के मारे घर पर ही रहे। मगर अब खुद नेता भी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अब छात्र भी जान गए है कि कोरोना से बचाव कैसे करना है। मुंह पर मास्क लगाकर आफलाइन क्लास भी शुरु हो सकती है।

---जो छोटी क्लास यानी दूसरी, तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे हैं। वह बच्चे स्कूल बंद होने से कुछ भी नहीं सिख पाए हैं। अब उनको दोबारा से पढ़ाई शुरु करनी पड़ेगी। यह बच्चे घर पर आनलाइन में नहीं पढ़ सकती है। इसके अलावा जिन बच्चों को 4 साल की उम्र में ही स्कूल भेजना था। वह स्कूल बंद होने से नहीं जा पाए अब उनकी उम्र 6 साल हो गई है और स्कूल वाले भी दाखिला करने से पीछे खींच रहे है।

वैक्सीन लगवा रहे छात्र

छात्र संगठन का कहना है कि सभी विद्यार्थी वैक्सीन लगवा रहे हैं और कुछ ने तो पहले ही लगवा ली है। वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना से बचाव किया जा सकता है। सभी का वैक्सीनेटेड होना जरूरी है। चाहे इसके कोलेज मेंं बिना प्रशासन एंट्री ना करें।


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