अवैध कब्जे के आरोप लगते ही नगर परिषद में हड़कंप
सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को नगर परिषद में प्रदर्शन किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि धोबी घाट की जमीन पर नगर परिषद के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा किया जा रहा है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि ये जमीन परिषद द्वारा कई साल पूर्व ही उन्हें अलॉट की जा चुकी है।
संवाद सहयोगी, हांसी : धोबी घाट की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला गरमाने के बाद नगर परिषद के अधिकारी बुधवार को मौके पर जांच करने पहुंचे। जमीन पर अपना हक जताने वाले सफाई कर्मचारी भी उनके साथ थे। कर्मियों ने कहा कि नगर परिषद की मीटिग में उन्हें जमीन पर रिहायशी प्लॉट देने की मंजूरी दी जा चुकी है, इसके बावजूद जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। नगर परिषद सचिव राजेश मेहता के साथ जेई राहुल भी मौके पर मौजूद थे। सचिव व नगर परिषद के अन्य अधिकारियों ने सफाई कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि जमीन पर किसी कीमत पर अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा।
बता दें कि सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को नगर परिषद में प्रदर्शन किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि धोबी घाट की जमीन पर नगर परिषद के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा किया जा रहा है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि ये जमीन परिषद द्वारा कई साल पूर्व ही उन्हें अलॉट की जा चुकी है। अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण करने के बाद कहा कि यह जमीन नगर परिषद की है। इस पर नप के सफाई कर्मचारियों के प्लॉट आवंटन किए जाने हैं।
अधिकारियों ने बताया कि धोबी घाट की करीब 200 गज की जमीन पर घाट के लिए आवंटित है, जबकि यहां करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन है। कब्जा करने वाले पर नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान विकास चंदा ने कहा कि इससे पहले भी सफाई कर्मचारी संघ धोबी घाट की जमीन के लिए आंदोलन कर चुके हैं। यदि जल्द जमीन पर प्लॉट न दिए गए तो पूरे हरियाणा में सफाई कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
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1994 की नप मीटिग में सफाई कर्मचारियों के लिए ये जमीन आवंटित करने पर मुहर लगी थी। जिसके बाद कोर्ट में मामला चला गया था। कोर्ट से भी सफाई कर्मचारियों के हक में फैसला आ चुका है। सरकार की तरफ से भी 2007 में धोबी घाट की जमीन पर सफाई कर्मचारियों को प्लाट आवंटित करने के आदेश दिए गए थे। - विकास चंदा, प्रधान, सफाई कर्मचारी संघ