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प्रदेश का राजकोषीय घाटा नियंत्रित, अब हमें मौजूदा शिक्षण संस्थानों को मॉडल बनाने की जरूरत : डा. बिश्‍नोई

डीएचबीवीएन जैसे सरकारी विभाग भी फायदे में सरकार ने प्ले स्कूल देकर गरीबों की सुनी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 01:27 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 01:27 PM (IST)
प्रदेश का राजकोषीय घाटा नियंत्रित, अब हमें मौजूदा शिक्षण संस्थानों को मॉडल बनाने की जरूरत : डा. बिश्‍नोई
प्रदेश का राजकोषीय घाटा नियंत्रित, अब हमें मौजूदा शिक्षण संस्थानों को मॉडल बनाने की जरूरत : डा. बिश्‍नोई

जेएनएन, हिसार: प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को विधान सभा में बजट पेश किया। इस बजट के आर्थिक व सामाजिक पहलुओं का आंकलन करने पर विशेषज्ञ इसे काफी संतुलित और लोगों के लिए भी आगे बढऩे वाला बजट बता रहे हैं। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स के चेयरपर्सन डा. एनके बिश्‍नोई बताते हैं कि बजट से पता चलता है कि प्रदेश का राजकोषीय घाटा नियंत्रित है। प्रदेश में कुल सकल घरेलू उत्पाद का 21 फीसद कर्जा लिया गया है, इसके बावजूद अभी भी हमारे पास ऋण की अच्छी संभावनाएं हैं। अब हमारी स्थिति बहुत खराब नहीं है बल्कि अब हम बेहतरी की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। अन्य राज्यों की तुलना में हम शिक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाएं देने में काफी अच्छे हैं। नियंत्रित राजकोषीय घाटे के साथ ही हमारे दक्षिण हरियाणा विद्युत वितरण निगम, उत्तर हरियाणा विद्युत वितरण निगम जैसे सरकारी विभाग लाभ में चल रहे हैं। इसके साथ ही मौजूदा शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता बढ़ाने पर सरकार को जोर देना आवश्यक है।

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125 मॉडल स्कूलों के स्थान पर मौजूद स्कूलों को मॉडल बनाएं

प्रो. बिश्‍नोई बताते हैं कि सरकार ने बजट ने 125 नए मॉडल स्कूल खोलने की घोषणा की है। मेरा सुझाव है कि सरकार अगर मौजूदा सरकारी स्कूल में शिक्षा व सुविधाओं की गुणवत्ता पर काम करे तो अधिक अच्छा होगा। जिससे हम अधिक से अधिक मॉडल स्कूल भी तैयार कर सकेंगे और हमारा बजट भी कम लगेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अब हमारे राज्य में नए बच्चों की जन्मदर लगातार घट रही है। ऐसे में अधिक स्कूलों की जरूरत नहीं बल्कि अच्छे स्कूलों की जरूरत है। इसी प्रकार कॉलेजों में भी गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है।

कृषि को उद्योग से जोडऩे की कोशिश

सरकार ने कृषि और बागबानी में प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड चेन, लैबोरेटरी जैसी सुविधाएं देकर कृषि और उद्योग को आपस में जोड़ा है। जिससे किसानों की आय के साथ उद्योग और राजस्व भी बढ़ेगा। वहीं मिडल क्लास या आर्थिक रूप से संपन्न लोगों के बच्चे तो घर में भी बहुत कुछ सीख लेते हैं। मगर गरीबों के बच्चे शुरुआती पढ़ाई से वंचित रहते हैं। रिसर्च कहती है कि तीन से सात वर्ष की उम्र में बच्चों का सबसे अच्छे तरीके से मानसिक विकास होता है। ऐसे में प्ले स्कूल खोलने से गरीबों के बच्चों को शुरुआती पढ़ाई अच्छी मिलेगी, माहौल भी बदलेगा।

सरकार को नया लक्ष्य बनाना चाहिए

डा. बिश्‍नोई ने कहा कि प्रदेश में सुविधाएं काफी अच्छे स्तर पर चल रही हैं। अब सरकार को स्कूल, कॉलेज और सरकारी अस्पताल को अच्छा बनाने पर जोर देना चाहिए। इसके साथ ही सरकार को अब यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में लोगों को घर, उसमें बिजली और पानी, सीवरेज जैसी सुविधाएं मिलें। हम केन्द्र से पहले ऐसे मॉडल बनाएं।


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