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रे‍हडि़यों को देख आया आइडिया, नौकरी छोड़ दो भाइयों ने खोला कैफे, 21 को दिया रोजगार

रोहतक में होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने प्लेसमेंट का ऑफर छोड़ स्टार्टअप शुरू किया है। कोरोना महामारी में नुकसान झेलने के बावजूद काम जारी किया और दूसरों को भी रोजगार दिया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 05:46 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 05:46 PM (IST)
रे‍हडि़यों को देख आया आइडिया, नौकरी छोड़ दो भाइयों ने खोला कैफे, 21 को दिया रोजगार

रोहतक [ओपी वशिष्ठ] कोरोना महामारी के दौरान युवाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हुआ। निजी कंपनियों की छंटनी में भी युवा नौकरी से हाथ धो बैठे। लेकिन कुछ युवा ऐसे हैं, जो नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्टार्टअप में विश्वास रखते हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट के कई ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने खुद के कैफे शुरू किए। न केवल बेहतर आमदनी का जरिया बनाया बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण हुए नुकसान की चिंता किए बिना दोबारा से कारोबार शुरू कर दिया। मगर कैफे शुरू करने का ख्‍याल आने की कहानी बेहद रोचक है।

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चेचेरे भाईयों ने शुरू  किया द स्ट्रीट हाउस कैफे

26 वर्ष के नरेंद्र उर्फ नरेन ने एमडीयू के होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट से पीजी की डिग्री ली। शुरुआत में कुछ माह होटल् इंडस्ट्री में जॉब की। लेकिन मन में खुद का स्टार्टअप करने का जज्बा था। इसलिए नौकरी छोड़कर शहर में द स्ट्रीट हाउस कैफे शुरू किया। कोरोना महामारी से पहले शार्ट सर्किट से आग लग गई, जिसमें बड़ा नुकसान हुआ। दोबारा से शुरू करने की योजना थी, कोरोना महामारी आ गई। लॉकडाउन में सब बंद हो गया। अब दोबारा से उन्होंने सनसिटी  हाइट्स में दोबारा से बेहतरीन कैफे शुरू किया,  जो ग्राहकों खासकर युवाओं को आकर्षित करता है। नरेन के चेहरे भाई साहिल भी इसमें शामिल हैं, हालांकि उन्होंने एलएलबी तक पढ़ाई की है।

कैफे को बनाया खास

साहिल ने बताया कि बचपन से कुकिंग का शौक था। रोहतक में पढ़ते हुए उन्हें कभी भी ऐसी जगह नहीं मिली जहां बैठकर सार्थक चर्चा हो। लाइव म्यूजिक, पोइटरी आदि कराई जाती हो। शहर की कुछ जगहों पर क्रिसमस और न्यू  ईयर पर ऐसा होता था। वहां के चार्ज स्टूटेंड अफोर्ड नहीं कर सकते थे। इसलिए नरेन के साथ मिलकर योजना बनाई। खाने-पीने के साथ -साथ लोग लाइव म्यूजिक और पोइटरी और अन्य इवेंट देख सकें। फैमिली भी आए और यंगस्टर भी।

एक प्लाट में रेहड़ियों को देख आया आइडिया

साहिल ने बताया कि डी पार्क के पास एक प्लाट में  चार-पांच रेहडी लगती हैं। यहां अलग-अलग फास्ट फूड लोग खाते हैं। यहां से द स्ट्रीट हाउस का आइडिया आया।  एक दिन नरेन बोला यार यहां हाइजिन नहीं है। हम एक ऐसी ही जगह बनाएं जहां हाइजिन हो और लोग स्ट्रीट फूड का मजा ले सकें। लेकिन, हम इसे बेहतरीन बनाना चाहते थे। जिसके लिए दिल्ली, गुरुग्राम, राजस्थान आदि जगहों पर चल रहे रेस्टोरेंट और होटल पर काफी रिसर्च किया। दिल्ली के हौज खास से रॉ और विंटेज लुक का आइडिया आया।

21 लोगों को दे रहे रोजगार

प्रारंभिक इंवेस्टमेंट करीब 32 लाख रही। 21 लोगों को रोजगार दिया गया। यह कंसेप्ट जल्द ही कंस्पेप्ट हिट हो गया। यूनिवर्सिटी प्राफेसर, डॉक्टर्स, यंगस्टर्स और फैमिली आने लगी। हमने हाइजिन का खास ख्याल रखा। जिसके बाद हेपनिंग प्लेस में कनर्वट किया। शुक्रवार को स्टैंड अप कॉमेडी, शनिवार को लाइव म्यूजिक और रविवार को पोइटरी रिसाइटेसन शुरू कराया।  जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। यहां जज नहीं होते थे। मार्च २०२० में आग लग गई। जिसके बाद काफी तनाव में थे। लेकिन, फैमिली स्पोर्ट से सनसिटी में दोबारा शुरू किया। लॉकडाउन में अपने स्टाफ को हाफ सेलरी दी।


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