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किसान आंदोलन में फूट, हरियाणा के संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा पर लगाए भेदभाव और मनमानी के आरोप

किसान आंदोलन में फूट। हरियाणा के संगठनों ने जारी की विज्ञप्ति। एक ही गलती करने पर तीन लोगों के साथ अलग-अलग मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। कहा कि हरियाणा के संगठनों के सभी सुझाव संयुक्त किसान मोर्चा खारिज कर देता है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 05:48 PM (IST)
किसान आंदोलन में फूट, हरियाणा के संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा पर लगाए भेदभाव और मनमानी के आरोप
हरियाणा के संगठनों ने संयुक्त मोर्चा की बैठकों के बहिष्कार का ऐलान किया है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। किसान आंदोलन में फूट नजर आ रही है। हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त किसान मोर्चा पर भेदभाव और मनमानी का आरोप लगाया है। हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों का कहना है कि उनके सभी सुझाव खारिज किए जा रहे हैं। जब तक यह भेदभाव जारी रहेगा, तब तक  हरियाणा से संगठन नेता संयुक्त मोर्चा की बैठक में शामिल नहीं होंगे।

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हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने विज्ञप्ति जारी की है। इसमें बताया गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में हरियाणा की तरफ से दिए जाने वाले सभी सुझावों को निरस्त किया जाता है। एक ही तरह की गलती करने वाले तीन व्यक्तियों के साथ अलग-अलग मापदंड अपनाए जाते हैं। राकेश टिकैत के यूपी में इलेक्शन लड़ने के मामले पर संयुक्त किसान मोर्चा बयान वापसी कर लेने पर उन्हें माफ कर देता है। वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा के गुरनाम सिंह चढूनी को 1 सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया जाता है। वहीं युद्धवीर सिंह सहरावत और योगेंद्र यादव की प्री प्लानिंग से भाजपा प्रायोजित निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान को संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल करने के लिए बुलाया जाता है। इसका विरोध होने के बावजूद दोनों दोषियों को निलंबित करने के लिए कमेटी बनाने का फरमान भी संयुक्त मोर्चे द्वारा सुनाया जाता है। लेकिन, इस फैसले को विचाराधीन रखकर गुरनाम सिंह चढ़ूनी को निलंबित कर दिया जाता है।

दिल्ली घेराव में एक हफ्ते तक जाएंगे हरियाणा से जत्थे  

हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया है कि 22 जुलाई को संसद दिल्ली कूच में 200 किसानों का जत्था 40 जत्थेबंदियों की तरफ से लगातार 7 दिनों तक भेजा जाएगा। उसके बाद जब भी हरियाणा के किसान संगठनों से संयुक्त किसान मोर्चा जत्थे भेजने के लिए आग्रह करेगा तो हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा अपनी तरफ से किसानों के दस्ते लगातार भेजेगा। अगर सरकार की तरफ से हरियाणा के किसानों की गिरफ्तारी अथवा छेड़खानी की गई तो पूरा हरियाणा एक साथ खड़ा है। उसके लिए ओपन कॉल जारी की जाएगी। सरकार की तानाशाही को हरियाणा के किसान किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक का किया बहिष्कार

उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा की बैठक में हरियाणा के सम्मानित साथियों के साथ जब तक संयुक्त किसान मोर्चा इस प्रकार से भेदभाव करता रहेगा, तब तक हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का कोई भी साथी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में भाग नहीं लेगा। हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा के सभी साथी आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे थे, लेते रहे हैं और लेते रहेंगे। आंदोलन के साथ चलेंगे। इस दौरान विकल पचार, जगबीर घसौला, प्रदीप धनखड़, डॉ. केपी सिंह, सुखदेव सिंह विर्क, डॉ. शमशेर सिंह, प्रो. दलबीर सिंह रेढू, जयपाल कुंडू, सचिन कुमार, नरेंद्र अहलावत सोनीपत इत्यादि मौजूद थे।

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