100 मिनट में दूर होगी चुनाव संबंधी शिकायत, सी विजिल एप की लॉंच
कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से सीविजिल एप इंस्टॉल कर सकता है। इसके माध्यम से वह आचार संहिता उल्लंघन की फोटो और वीडियो रिकॉर्ड करके एप पर अपलोड कर सकता है
हिसार, जेएनएन। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव-2019 में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें करने के लिए निर्वाचन आयोग ने सी-विजिल एप लांच किया है। किसी भी व्यक्ति द्वारा इस एप पर शिकायत करने के 100 मिनट के भीतर संबंधित उडऩदस्ता टीम द्वारा अपेक्षित कार्रवाई करके शिकायत का समाधान करना अनिवार्य है। इस अवधि के बाद यह शिकायत सीधे निर्वाचन आयोग को चली जाएगी जिसके लिए कड़ा संज्ञान लिया जा सकता है।
जिला सभागार में नोडल अधिकारियों, उडऩदस्ता टीमों व सेक्टर ऑफिसर्स के प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उपायुक्त ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से सीविजिल एप इंस्टॉल कर सकता है। इसके माध्यम से वह आचार संहिता उल्लंघन की फोटो और वीडियो रिकॉर्ड करके एप पर अपलोड कर सकता है। एप पर शिकायत आते ही इसे संबंधित नोडल अधिकारी और आरओ द्वारा उस क्षेत्र की उडऩदस्ता टीम के पास रेफर किया जाएगा। टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए शिकायत अपलोड होने
के 100 मिनट यानी एक घंटा 40 मिनट के भीतर मौके पर जाकर अपेक्षित कार्रवाई करनी है।
यदि वहां शराब अथवा पैसे बांटने जैसा कोई काम हो रहा है तो उसे जब्त करते हुए कानूनी कार्रवाई करनी है। दिन हो या रात, उडऩदस्ता टीम द्वारा, केवल 100 मिनट के भीतर ही शिकायत पर कार्रवाई करनी है। चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिला में 37 नोडल ऑफिसर्स नियुक्त किए गए हैं। इनके लिए चुनाव आयोग द्वारा कार्य निर्धारित किए गए हैं। सभी अधिकारी चेक लिस्ट और अपने-अपने कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश प्राप्त कर लें और ईसीआइ के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाएं।
उपायुक्त ने बताया कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात प्रत्येक कर्मचारी को उसके मतदान का अधिकार प्रदान करना सुनिश्चित किया जाएगा। सभी अधिकारी अपने तहत कार्यरत कर्मचारियों का डाटा बेस तैयार करें कि उनके वोट किन विधानसभा क्षेत्रों में हैं। जिन कर्मचारियों के वोट हिसार लोकसभा क्षेत्र में हैं उन्हें इलेक्शन डयूटी सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे जिन्हें दिखाकर वे लोकसभा क्षेत्र में अपनी ड्यूटी वाले मतदान केंद्र पर ही अपना वोट डाल सकेंगे। इसके अलावा जिन कर्मियों के वोट अन्य लोकसभा क्षेत्रों में हैं उन्हें पोस्टल बैलेट सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।
दिव्यांग मतदाताओं की जीओ टैगिंग होगी
उपायुक्त ने कहा कि उडऩदस्ता टीमें अपने-अपने क्षेत्र में जाकर दिव्यांग मतदाताओं की जीओ टेङ्क्षगग करेंगी। वे दिव्यांग मतदाताओं के नाम, पिता का नाम, वोटर नंबर, दिव्यांगता की श्रेणी, मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी जैसी सूचनाएं एकत्र करके उनकी सहमति से 18 वर्ष से अधिक आयु के एक सहायक का भी विवरण लेंगी। सभी दिव्यांग मतदाताओं तक एक डीईओ लेटर भिजवाया जाएगा जिसमें उनसे मतदान की अपील की जाएगी। उडऩदस्ता टीम के वाहन में जीपीएस प्रणाली लगाई जाएगी। उसके माध्यम से दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाया जाएगा। मतदान केंद्र पर उनकी सहायता के लिए वॉलेंटियर्स की नियुक्ति की जाएगी। दिव्यांग मतदाता बिना लाइन में लगे सीधे वोट डालने जा सकेंगे। सभी एआरओ दिव्यांग मतदाताओं वाले मतदान केंद्रों पर सुविधाजनक रैंप बनवाना सुनिश्चित करेंगे।
सेक्टर ऑफिसर्स करेंगे पोलिंग पार्टियों के बीच कड़ी का काम
उपायुक्त ने कहा कि सभी सेक्टर ऑफिसर्स पोलिंग पार्टियों व आरओ के बीच कड़ी का काम करेंगे। सभी सेक्टर्स ऑफिसर्स अगले 3-4 दिन में अपने निर्धारित मतदान केंद्रों का दौरा कर लें और वहां चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर लें। यदि कहीं कोई कमी है तो संबंधित एआरओ के माध्यम से उसे दूर करवा लें।
उन्होंने कहा कि सेक्टर ऑफिसर्स मतदाताओं को जागरूक करने का भी काम करें। मतदान के दिन वे पोङ्क्षलग पार्टियों के साथ समन्वय और सहायता का काम करेंगे। यदि कहीं किसी ईवीएम मशीन में खराबी आती है तो सेक्टर ऑफिसर अपने साथ मौजूद मास्टर ट्रेनर के माध्यम से उसे ठीक करवाएंगे और यदि खराबी ठीक नहीं होती है तो मशीन को बदलवाएंगे।
जिले में 1294 मतदाता केंद्र
अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने बताया कि जिला में 1294 मतदान केंद्र हैं। प्रत्येक बूथ पर चार से पांच कर्मचारियों की पोलिंग पार्टी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी जिला में ईवीएम की फस्र्ट लेवल चेकिंग चल रही है। यह पूरी प्रक्रिया वेब कास्टिंग के माध्यम से चुनाव आयोग में लाइव देखी जा रही है। कौन व्यक्ति किस समय अंदर आया या बाहर गया, इसका रिकॉर्ड भी चुनाव आयोग द्वारा रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि ईवीएम मशीनों की तीन स्तर की रेंडमाइजेशन की जाएगी। प्रत्येक ईवीएम मशीन की लोकेशन को निर्वाचन आयोग द्वारा ट्रेक किया जा रहा है। कोई भी पोलिंग पार्टी स्ट्रांग रूम से लेकर ईवीएम मशीन को सीधे मतदान केंद्र पर ही जाएगी।