मिर्चपुर में सामान्य नहीं हुई स्थिति, वाल्मीकि समुदाय के एक और परिवार ने किया पलायन
मिर्चपुर प्रकरण में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद से गांव में अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है। इसी बीच गांव से वाल्मीकि समुदाय के एक और परिवार ने पलायन कर लिया।
नारनौंद [सुनील मान]। मिर्चपुर प्रकरण में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद से गांव में अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है। इसी बीच गांव से वाल्मीकि समुदाय के एक और परिवार ने पलायन कर लिया। मिर्चपुर प्रकरण में कई साल पहले गांव से 100 से अधिक परिवार पलायन कर चुके हैं। सुरक्षा के लिहाज से गांव में अभी भी पुलिस बल तैनात है।
मिर्चपुर प्रकरण में कोर्ट द्वारा 33 अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई थी। इस फैसले के बाद गांव में वाल्मीकि बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है। शनिवार को स्व. जय सिंह की पत्नी केलो देवी ने दो बेटों और पुत्रवधू के साथ गांव छोड़ दिया।
उधर, दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से अभियुक्तों के सरेंडर करने की समय सीमा शनिवार को खत्म हो गई, लेकिन किसी ने भी सरेंडर नहीं किया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मिर्चपुर चौकी प्रभारी पेश हुए। इस दौरान कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया कि जल्द से जल्द सभी अभियुक्तों को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश करे। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 5 सितंबर निर्धारित की। इस पर पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अभियुक्तों को पकडऩे की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। खुफिया विभाग के कर्मचारी भी गांव की पल-पल की रिपोर्ट अधिकारियों को दे रहे हैं।
मिर्चपुर के थाना प्रभारी रणबीर का कहना है कि किसी भी अभियुक्त ने शनिवार तक सरेंडर नहीं किया है। कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सभी अभियुक्तों को पकड़कर कोर्ट में पेश किया जाए।
हिसार के जिला उपायुक्त अशोक कुमार मीणा का कहना है कि किसी भी परिवार ने गांव से पलायन नहीं किया है। कोई अपनी रिश्तेदारी में गया होगा। सरेंडर नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गांव में शांति है। सुरक्षा के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।