एचएसवीपी पर किया केस हाईकोर्ट से हारा, दुकान हैंडओवर, दो लाख रुपये का देना होगा मुआवजा
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की तरफ से 1996 में जब्त किए गए दुकान को दोबारा लेने के लिए उपभोक्ता की तरफ से किया गया केस वह हाईकोर्ट में हार गए है।
जागरण संवाददाता, हिसार :
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की तरफ से 1996 में जब्त किए गए दुकान को दोबारा लेने के लिए उपभोक्ता की तरफ से किया गया केस वह हाईकोर्ट में हार गए है। यह केस उपभोक्ता प्रशासक व उच्च स्तर पर हुई अदालत में भी हारे थे। हाई कोर्ट ने उपभोक्ता पर दो लाख रुपये का मुआवजा विभाग को देने के आदेश देने के साथ दुकान को भी विभाग को हैंडओवर करने के आदेश दिए हैं।
एचएसवीपी की तरफ से टोहाना में 1991 में प्लॉट निकाले गए थे। इसमें एक उपभोक्ता ने बूथ खरीदा। वह 24 दिसंबर 1991 को उसे अलॉट कर दिया गया। उसके बाद उपभोक्ता की तरफ से से सिर्फ 25 फीसद पैसा ही जमा करवाया गया। पैसा जमा नहीं होने पर दो मई 1996 को एचएसवीपी ने दुकान को जब्त कर लिया। यह मामला उसके बाद शांत हो गया। लेकिन टोहाना में जिस उपभोक्ता को दुकान मिली थी उसने 2015 में प्रशासक के पास दुकान का कब्जा देने की एप्लीकेशन लगाई। प्रशासक ने उस मामले में सुनवाई की और उसकी अपील को खारिज कर दिया। उपभोक्ता उसके बाद चंडीगढ़ उच्च अधिकारियों के पास पहुंचा लेकिन वहां भी उनकी याचिका खारिज हो गई। उपभोक्ता की तरफ से 2017 यह मामला हाई कोर्ट में डाला गया। मामले में सुनवाई चली और सरकार की तरफ से अपना पक्ष भी रखा गया। हाई कोर्ट ने अब इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया। उपभोक्ता के केस हारने के साथ ही उस पर कोर्ट की तरफ से दो लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा गया है। साथ ही दुकान का कब्जा विभाग को देने के आदेश दिए है। हाई कोर्ट में हुई जीत के बाद एचएसवीपी अधिकारी भी खुश है। यह एक बड़ी जीत मानी जा रही है। एचएसवीपी के ईओ सुमित कुमार ने बताया कि उपभोक्ता की तरफ से लगाई गई याचिका कोर्ट ने खारिज करते हुए मुआवजा विभाग को देने के आदेश दिए है। उसके आदेश की कॉपी भी उनके पास पहुंच गई है।