हरियाणा की इस बेटी ने एवरेस्ट के बाद अब मिशन मंजारो भी किया फतह
भारत की बेटी शिवांगी पाठक ने अपने दूसरे मिशन फतेह किलीमंजारो जो कि दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी है उसको सफलतापूर्वक फतेह कर लिया है।
जेएनएन, हिसार। भारत की बेटी शिवांगी पाठक ने अपने दूसरे मिशन फतेह किलीमंजारो जो कि दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी है उसको सफलतापूर्वक फतेह कर लिया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 16 वर्ष की उम्र में शिवांगी ने 16 मई 2018 को विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को भी फतह कर लिया था। कल देर सायं दिल्ली के इंदिरा गाधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचते ही पर्वतारोही शिवांगी पाठक का जोरदार स्वागत किया गया।
शिवांगी के साथ अफ्रीका की यात्रा पर गए उनके पिता राजेश पाठक ने बताया कि 23 जुलाई 2018 को सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर शिवांगी ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलीमंजारो पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और धार्मिक मान्यता रखने वाला भगवान परशुराम जी का ध्वज फहराया। आमतौर पर इस चोटी को फतह करने में लगभग 6 से 8 दिन लगते हैं लेकिन अपने साथियों में ईगल ऑफ द माउंटेन के नाम से मशहूर शिवांगी पाठक ने इसे 3 दिन में नाप कर रख दिया, वह भी अपने नन्हे नन्हे कदमों से। यह सब उसने दक्षिण अफ्रीका की एक टीम राह के अंतर्गत रह कर अंजाम दिया।
शिवांगी ने किलिमंजारो की चढ़ाई करना 21 जुलाई 2018 को शुरू किया था जो उसने 23 जुलाई 2018 को सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर पूरी की। शिवांगी की मां आरती पाठक ने बताया कि मिशन बंजारों को कस्तूरी मेमोरियल ट्रस्ट ने स्पॉन्सर किया था। शिवांगी के जाने से पहले हिसार जिला ब्राह्मण समाज व अन्य सामाजिक संगठनों ने उस की सलामती के लिए हवन करके उसे आशीर्वाद दिया था। सब के आशीर्वाद को शिवांगी ने सफल बनाया और भारत का तिरंगा झडा बड़ी ही शान से अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर लहरा दिया और फिर से साबित कर दिया कि कोई भी बेटी किसी से कम नहीं होती बस जरूरत है तो उस पर विश्वास करने की और उसका साथ देने की।
पूरे देश का गौरव बढ़ाने वाली हिसार की बेटी शिवांगी पाठक की इस सफलता पर जिला ब्राह्मण सभा, महर्षि दधिचि ट्रस्ट, भगवान परशुराम जनकल्याण संस्थान, भगवान परशुराम जन सेवा समिति, लोक निर्माण वैल्फेयर सोसायटी, सामाजिक संस्था मदद सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों व गणमान्य लोगों ने शिवांगी पाठक के माता-पिता को बधाई दी व शिवांगी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।