बिना नेट पास पीएचडी करने वाले विज्ञानियों को 15 साल बाद अब मिलेगा एडवांस इंक्रीमेंट
वित्त और कृषि विभाग ने यूजीसी की सिफारिश के आधार एडवांस इंक्रीमेंट जारी करने के दिए निर्देश। प्रदेशभर के करीब 400 से अधिक विज्ञानियों को मिलेगा लाभ
हिसार, जेएनएन। नेट यानि नेशनल इलिजिबिलिटी टेस्ट पास किए बिना पीएचडी करने वाले विज्ञानियों को 15 साल बाद सरकार एडवांस इंक्रीमेंट का लाभ देने जा रही है। यह लाभ 2006 में छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद से नहीं मिल रहा था। इसको लेकर हाल ही में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन की तरफ से केन्द्र व राज्य के मंत्रियों के समक्ष मांग उठाई गई थी।
इस लाभ से वंचित प्रदेश के कालेजों, विश्वविद्यालयों में करीब 400 से अधिक विज्ञानी हैं। वित्त विभाग ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिए हैं। इस आदेश के तहत 2006 से लेकर 2015 तक नौकरी पाने वाले वैज्ञानिकों को एरियर के रूप में लाभ मिलेगा। इस इंक्रीमेंट के तहत विज्ञानियों को अपने वेतन के बेसिक में कुल 15 फीसद इंक्रीमेंट मिला है।
क्या है मामला
दरअसल वैज्ञानिक बनने के लिए कम से कम एमएससी की डिग्री होनी अनिवार्य है। ऐसे में पीएचडी करने वाले वैज्ञानिकों का वेतन अधिक रहे, इसके लिए उन्हें छठे वेतन आयोग में पांच इंक्रीमेंट दिए जाने का प्रावधान था। मगर हरियाणा सरकार ने इसमें कुछ शर्तें लगा दीं। सरकार ने कहा कि पीएचडी ठीक है, मगर नेट यानि नेशनल इलिजिबिलिटी टेस्ट होना अनिवार्य है। मगर 2006 से पहले नेट था ही नहीं। ऐसे में एचएयू सहित प्रदेशभर में कई वैज्ञानिक इससे अछूते रह गए। जबकि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानि यूजीसी इस लाभ को देने की सिफारिश करता रहा। इसके साथ ही 2016 में लागू हुए सातवें वेतन आयोग में तो इस इंक्रीमेंट को ही हटा ही दिया। इसके लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) के पदाधिकारियों ने कृषि मंत्री जेपी दलाल, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन राज्य मंत्री, भारत सरकार, डा. संजीव बालियान को भी मांग पत्र सौंपा था।
इस आधार पर इंक्रीमेंट लागू करने की हौटा रख रहा मांग
सातवें वेतन आयोग में पीएचडी में एडवांस इंक्रीमेंट को हटा दिया, मगर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने बाद में एक गाइडलाइन जारी की जिसमें इस इंक्रीमेंट को सातवें वेतन आयोग के अनुसार देने की सिफारिश की गई। इसके बाद इंफाल स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने तो इसे लागू भी कर दिया। तब भी इस इंक्रीमेंट की वैज्ञानिक अलग-अलग मंचों पर मांग कर रहे हैं।
आइसीएआर के तहत आती है एचएयू
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानि आइसीएआर के तहत एचएयू आती है। ऐसे में आइसीएआर के माध्यम से ही एडवांस इंक्रीमेंट वैज्ञानिकों को मिल सकता है। इसी के लिए हौटा कृषि मंत्री जेपी दलाल से लेकर केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री तक को मांगपत्र सौंपकर समस्या का समाधान करने की मांग करता रहा है।
अब सातवें वेतन आयोग में इस इंक्रीमेंट को लागू करने की मांग
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) के प्रधान डा. करमल ङ्क्षसह ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार ने इस इंक्रीमेंट को लागू कर विज्ञानियों को बड़ा लाभ दिया है। अब इस एडवांस इंक्रीमेंट को सातवें वेतन आयोग में लागू कराने को लेकर संगठन की मांग जारी रहेगी। सातवें वेतन आयोग में यह इंक्रीमेंट देने की यूजीसी ने भी सिफारिश की है।