खुले स्कूल : पहले दिन केवल 20 फीसद रही उपस्थिति संख्या, आनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी
कोरोना महामारी के दौरान बंद हुए स्कूल करीब सवा तीन माह बाद बच्चे स्कूलों में पहुंचे।
जागरण संवाददाता, हिसार : कोरोना महामारी के दौरान बंद हुए स्कूल करीब सवा तीन माह बाद वीरवार से विद्यार्थियों के लिए खोल दिए गए। नौवीं से 12वीं की कक्षाएं शुरू हो गई। पहले दिन विद्यार्थियों की उपस्थिति संख्या काफी कम रही। 20 फीसद से भी कम विद्यार्थी स्कूल आए। स्कूलों में तीन घंटे पढ़ाई हुई और एक-दूसरे से मिलने की विद्यार्थी के चेहरे पर खुशी नजर आई। आड-इवन फार्मूला के साथ विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जाएगा। इसके लिए निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अब सरकार ने स्कूल खोलने के लिए भी अनुमति दी है। शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार वीरवार से स्कूल शुरू हो गए हैं। हालांकि पहले दिन विद्यार्थियों की उपस्थिति संख्या कम रही।
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पहले दिन : कहां कैसी रही स्थिति
जिले के अधिकतर स्कूलों में रौनक लौट आई। नौवीं से 12वीं की कक्षाएं शुरू हुई हैं इसलिए केवल सीनियर सेकेंडरी स्कूल खुले। निजी विद्यालयों में भी पढ़ाई शुरू हो गई। शहर के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल माडल टाउन, राजकीय स्कूल न्यौली खुर्द, पटेल नगर स्थित राजकीय विद्यालय और ब्लूमिग डेल्स स्कूल सहित अन्य विद्यालयों में भी विद्यार्थी पहुंचे। माडल टाउन स्थित स्कूल में नौवीं से 12वीं में करीब 700 विद्यार्थी हैं। इनमें से करीब 100 विद्यार्थी ही पहले दिए आए। स्कूल में डा. कपूर सिंह लोहान, राजेश लोहान, मंजू दूहन, महेंद्र कुमार परुथि, सीमा गुप्ता, शकुंतला, दीपाल ढुल, हरबीर कौर, शीला रानी, नीलम कक्कड़ ने विद्यार्थियों को पढ़ाया। डा. कपूर सिंह ने बताया कि जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आएंगे, उनके लिए आनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। विद्यार्थियों को अपने अभिभावकों से सहमति पत्र लेकर ही स्कूल में आने दिया जाएगा। इसी प्रकार पटेल नगर स्थित स्कूल में भी पहले दिन केवल 80 विद्यार्थी ही स्कूल पहुंचे।
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यह रही व्यवस्था
- स्कूल के गेट पर विद्यार्थियों के हाथ सैनिटाइज करवाए गए।
- रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज की गई।
- विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों की भी थर्मल स्कैनिग भी हुई।
- विद्यार्थी घर से केवल पानी लेकर आ सके। खाना लाने और स्कूल में बैठकर खाने की अनुमति नहीं मिली।
- सुबह नौ बजे से 12 बजे तक पढ़ाई हुई।
- सभी कमरों में विद्यार्थियों को दूर-दूर बैठाया गया।