आरोही मॉडल स्कूल शिक्षक भर्ती में SCERT ने पूछा ऐसा सवाल, जवाब पर खुद असमंजस में
संविधान सभा में अनुसूचित जाति के सदस्यों की संख्या पर एससीईआरटी खुद ही भ्रम में है। अंग्रेजी की पुस्तक में 28 बताई संख्या तो हिंदी की पुस्तक में 26 लिखी है।
भिवानी [बलवान शर्मा] संविधान सभा में अनुसूचित जाति के सदस्यों की संख्या कितनी थी? 26 या 28? राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीइआरटी )की हिंदी माध्यम की पुस्तक में लिखा है 26। लेकिन अंग्रेजी माध्यम की पुस्तक में यह संख्या 28 बताई गई है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तक में भी 28 सदस्यों की जानकारी दी गई है।
इस तरफ किसी का ध्यान भी न जाता यदि हाल ही में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित आरोही स्कूलों की पीजीटी (पोस्ट ग्र्रेजुएट टीचर) के पॉलिटिकल साइंस विषय की परीक्षा में यह न पूछा गया होता कि संविधान सभा में अनुसूचित जाति के सदस्यों की संख्या कितनी थी? इस पर कुछ परीक्षार्थियों ने यह संख्या 26 लिखी तो कुछ ने 28। उतरपुस्तिकाओं की जांच हुई तो जांचने वाले भी भ्रम में पड़ गए? परीक्षार्थी अपने-अपने उत्तर को सही बताने का दावा करते हुए एससीइआरटी की पुस्तकें लेकर बोर्ड के समक्ष पहुंच गए।
इसके बाद बोर्ड प्रशासन ने तीन एक्सपर्ट के पैनल के सामने यह मसला रखा। एक्सपर्ट पैनल ने राय दी कि एससीइआरटी की हिंदी माध्यम की पुस्तक में लिखी गई संख्या 26 ही सही है। हालांकि दैनिक जागरण द्वारा यह बताए जाने के बाद कि एनसीइआरटी की हिंदी की पाठ्यपुस्तक में संविधान सभा में 28 सदस्य होने की बात लिखी गई है तो बोर्ड ने एक बार फिर से इस मसले को एक्सपर्ट पैनल के को भेजने का निर्णय लिया है।
यह लिखा है एनसीइआरटी की हिंदी में लिखी पुस्तक में
3 जून 1947 की योजना के मुताबिक पाकिस्तान से चुनकर आए सदस्यों को संविधान सभा का सदस्य नहीं माना गया और वास्तविक सदस्यों की संख्या घटकर 299 रह गई। 26 नवंबर 1949 को 284 सदस्य मौजूद थे। इन सदस्यों ने ही अंतिम रूप से पारित संविधान पर अपने हस्ताक्षर किए। इनमें अनुसूचित जातियों के 28 सदस्य थे।
सही संख्या 28 ही है
प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित शिक्षक जीवनदास ने कहा कि एनसीइआरटी की पुस्तक में लिखी संख्या ही सही है। संविधान सभा में अनुसूचित जाति के 28 सदस्य थे।
वेबसाइट्स पर भी अलग-अलग संख्या
दैनिक जागरण ने भी अपने स्तर पर सही संख्या जानने के लिए पहले तो गूगल बाबा की शरण ली, लेकिन उन्होंने परेशानी और बढ़ा दी। अलग-अलग वेबसाइट्स पर अलग-अलग संख्या थी। एक वेबसाइट पर बताया गया था कि संविधान सभा में अनुसूचित जाति के 33 सदस्य थे।