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साक्षी मलिक बोलीं- कहलाना चाहती हूं अर्जुन अवार्डी, जरूरी नहीं बड़े के बाद छोटा अवार्ड न मिले

खेल रत्‍न विजेता साक्षी मलिक ने अर्जुन अवार्ड के लिए आवेदन किया था। अभी जारी सूची में नाम नहीं होने पर ट्वीट कर नाराजगी जताई है। बोली हर अवार्ड का अपना महत्व है मिलना चाहिए था

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 01:16 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 01:16 PM (IST)
साक्षी मलिक बोलीं- कहलाना चाहती हूं अर्जुन अवार्डी, जरूरी नहीं बड़े के बाद छोटा अवार्ड न मिले
साक्षी मलिक बोलीं- कहलाना चाहती हूं अर्जुन अवार्डी, जरूरी नहीं बड़े के बाद छोटा अवार्ड न मिले

रोहतक [ओपी वशिष्ठ] रियो ओलंपिक में पहलवान साक्षी मलिक ने ब्रांज मेडल से देश के लिए पदक का खाता खोला था। इस उपलब्धि पर सरकार ने खेल क्षेत्र में सबसे बड़े राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया है। इस अवार्ड को पाने का हर खिलाड़ी का सपना होता है। लेकिन साक्षी मलिक की तमन्ना है कि उसे अर्जुन अवार्ड भी मिले। इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया था, लेकिन हाल ही में जारी गई सूची में नाम नहीं मिला। इसकी नाराजगी उन्होंने ट्वीट के माध्यम से प्रकट की है।

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साक्षी मलिक ने बताया कि हर अवार्ड का अपना महत्व होता है। एक खिलाड़ी चाहता है कि उसे हर अवार्ड मिले, इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देता है। पूर्व में खिलाड़ियों को एक के बाद एक करके अवार्ड मिले हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि पहले बड़ा अवार्ड मिल जाए तो छोटा अवार्ड नहीं मिलेगा। उन्होंने ओलंपिक में देश के लिए पदक जीता। यह बड़ी उपलब्धि थी, सरकार ने उसे खेल रत्न से सम्मानित किया। इसके लिए सरकार को तहेदिल से आभार है। लेकिन उनकी उपलब्धियों को देखते हुए अर्जुन अवार्ड भी मिलना चाहिए, उसकी यह दिली इच्छा भी रही है।

अर्जुन अवार्ड उनके ससुर सत्यवान पहलवान और पति सत्यव्रत कादियान को भी मिल चुका है। सत्यव्रत को 2017 में अर्जुन अवार्ड मिला था। खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड में अंतर खेल क्षेत्र में बेहतर उपलब्धियों को देखते हुए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार खिलाड़ियों को अवार्ड प्रदान कर सम्मानित करता है। जिन खिलाडि़यों को खेल रत्न दिया जाता है, उनको साढ़े सात लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है। अर्जुन अवार्ड प्राप्त खिलाड़ियों को पांच लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है।

बेटी को मिलना चाहिए अर्जुन अवार्ड

बेटी साक्षी मलिक ने जब कुश्ती का चुना तो उसका सपना था कि अर्जुन अवार्ड हासिल मिले। शुरू से ही उन्होंने इस अवार्ड को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की और एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल की। रियो ओलंपिक में देश के लिए ब्रांज मेडल भी जीता। ओलंपिक में पदक जीतने पर खेल रत्न को मिल गया। लेकिन अर्जुन अवार्ड का सपना पूरा नहीं हुआ। इसलिए बेटी का सपना अभी तक पूरा नहीं हुआ है। अर्जुन अवार्ड के लिए साक्षी ने आवेदन किया था, लेकिन सूची में नाम नहीं मिला। इसको लेकर परिवार में निराशा है।

साक्षी मलिक ने यह किया ट्वीट

मुझे खेल रत्न से सम्मानित किया गया है, मुझे इस बात का गर्व है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो सारे पुरस्कार अपने नाम करे। खिलाड़ी इसके लिए अपनी जान की बाजी लगाते हैं। मेरा भी सपना है कि मेरे नाम के आगे अर्जुन पुरस्कार विजेता लगे। मैं ऐसा और कौनसा पदक देश के लिए लेकर आऊ, जिससे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। या इस कुश्ती जीवन में मुझे कभी यह पुरस्कार जीतने का सौभाग्य ही नहीं मिलेगा।

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