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राजनीति में कदम रखने वाली साइना नेहवाल का हिसार से शुरू हुआ था खेल और शिक्षा का सफर

साइना नेहवाल का जन्‍म भी हिसार में हुआ तो उनकी शिक्षा की शुरुआत भी यहीं से हुई। उनके पिता उस समय हरियाणा कृषि विश्‍वविद्यालय में कार्यरत थे। साइना ने बुधवार को बीजेपी ज्‍वाइन की है

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 03:55 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 10:52 AM (IST)
राजनीति में कदम रखने वाली साइना नेहवाल का हिसार से शुरू हुआ था खेल और शिक्षा का सफर

हिसार, जेएनएन। विश्‍व प्रसिद्ध बैंडमिंटन प्‍लयेर साइन नेहवाल ने बुधवार को बीजेपी ज्‍वाइन कर खेल के साथ अब राजनीति में भी कदम रख दिया है। उन्‍होंने बीजेपी की सदस्‍यता ग्रहण कर ली है। साइना नेहवाल आज उस मुकाम पर हैं जहां वे किसी परिचय की मोहताज नहीं है। मगर बहुत कम लोग जानते हैं कि साइना नेहवाल के इस सफर की शुरुआत हरियाणा के हिसार शहर से हुई थी। साइना नेहवाल का जन्‍म भी हिसार में ही हुआ तो उनकी शिक्षा की शुरुआत भी यहीं से हुई। उनके पिता उस समय हरियाणा कृषि विश्‍वविद्यालय में कार्यरत थे। बात साल 1990 की है। साइना के जन्‍म के बाद उनकी शुरुआती परवरिश भी यहीं पर हुई और पांच साल की होने पर एचएयू के कैंपस स्‍कूल में दाखिला भी दिलवाया गया। मगर इसके बाद पिता की ट्रांसफर होने के चलते साइना का परिवार हैदराबाद शिफ्ट हो गया।

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साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह और मां ऊषा रानी दोनों ही स्‍टेट लेवल के बैंडमिंटन प्‍लेयर थे। पिता हरवीर ने बचपन में ही साइना की खेल के प्रति रुचि को भांप लिया था। वहीं खेल में महारथ कुछ साइना को विरासत में ही मिली थी। साइना ने पांच से छह साल की उम्र में ही रैकेट हाथ में उठाना शुरू कर दिया था तो पिता हरवीर ने उन्‍हें आठ साल की उम्र में प्रशिक्षण दिलाना शुरू कर दिया। साइना नेहवाल ने फिर सफलता के ऐसे झंडे गाड़े कि वो महिलाओं के लिए एक आदर्श बन गईं।

साइना ने अब राजनीति की पारी भी शुरू कर दी है, देखना ये है कि क्‍या वो आने वाले समय में चुनावी मैदान में भी उतरतीं है। हालांकि खिलाडि़यों का राजनीति की ओर रुख करना कोई नई बात नहीं हैं। इससे पहले भी कई हरियाणवी खिलाड़ी राजनीति में दाव आजमा चुके हैं और उनमें से कुछ को कामयाबी भी मिली है।

बता दें कि साइना नेहवाल लंदन ओलंपिक 2012 में एकल स्‍पर्धा में कांस्‍य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला रहीं है। बिजिंग में भी वे क्‍वार्टर फाइनल तक पहुंची थी। साइना नेहवाल पद्मश्री, अुर्जन अवॉर्ड, भारत के तीसरे बड़े सम्‍मान पद्म भूषण और राजीव गांधी खेल रत्‍न जैसे सम्‍मान से नवाजी जा चुकी हैं। साइना नेहवाल कराटे की भी अच्‍छी खिलाड़ी रहीं हैं और इस विधा में ब्राउन बेल्‍ट विजेता हैं। साइना नेहवाल पीएम मोदी के महिला सशक्तिकरण को लेकर चलाए जाने वाले अभियानों की कई बार तारीफ करती थी।

संदीप सिंह, बबीता फौगाट, योगेश्‍वर दत्‍त ने भी की बीजेपी ज्‍चाइन

हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह ने बीते विधानसभा में बीजेपी ज्‍वाइन की थी। वे न केवल पिहोवा सीट से जीत विधायक बने बल्कि हरियाणा सरकार ने उन्‍हें खेल मंत्री भी बनाया है। हालांकि कुश्‍ती खिलाड़ी योगेश्‍वर दत्‍त और दंगल गर्ल बबीता फोगाट को बीजेपी की ओर से मिली सीट पर हार का सामना करना पड़ा। इनके अलावा भिवानी के बॉक्‍सर ओलंपियन बिजेंद्र सिंह ने भी दिल्‍ली में कांग्रेस की सीट से भाग्‍य आजमाया था मगर उन्‍हें भी लोकसभा इलेक्‍शन में हार का सामना करना पड़ा था। परिणाम जो भी हो मगर एक बात साफ है कि बॉलीवुड स्‍टार की तरह ही खिलाडि़यों का रुख भी राजनीति की ओर होने लगा है।


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