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Private School: रोहतक के निजी स्कूल नहीं दिखा रहे नियम 134ए पर गंभीरता, नहीं मिल पाया खाली ब्योरा

रोहतक के निजी स्कूल संचालकों की यह मनमानी जरूरतमंद विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है। इसी के चलते निदेशालय को भी बार-बार शेड्यूल बदलना पड़ रहा है। जिससे विद्यार्थी व अभिभावक भी प्रभावित हो रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो 80 से अधिक निजी स्कूलों ने ब्योरा नहीं दिया है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 10:31 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 10:31 AM (IST)
80 से अधिक निजी स्कूलों ने नहीं दिया रिक्त सीटों का ब्योरा

जागरण संवाददाता, रोहतक। नियम-134ए के तहत जरूरतमंद विद्यार्थियों को निश्शुल्क शिक्षा देने में रोहतक जिले के अनेक निजी स्कूल संचालक गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से इस मामले में तिथि भी बढ़ाई जा चुकी है। लेकिन उसके बावजूद भी जिले में 80 से अधिक ऐसे निजी स्कूल है, जिन्होंने अपने स्कूलों में रिक्त सीटों का ब्योरा नहीं दिया है।

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जिले में 400 से अधिक मान्यता प्राप्त निजी स्कूल

ऐसे निजी स्कूल संचालकों की यह मनमानी जरूरतमंद विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है। इसी के चलते निदेशालय को भी बार-बार शेड्यूल बदलना पड़ रहा है। जिससे विद्यार्थी व अभिभावक भी प्रभावित हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो जिले के 80 से अधिक निजी स्कूलों ने अब तक अपने यहां रिक्त सीटों का ब्योरा नहीं दिया है, जबकि जिले में 400 से अधिक मान्यता प्राप्त निजी स्कूल हैं।

पहले से तय शेड्यूल के मुताबिक 21 अक्टूबर को नियम-134ए के तहत रिक्त सीटों का ब्योरा देने का अंतिम दिन था। लेकिन अनेक निजी स्कूलों की ओर से ब्योरा न दिए जाने के चलते इसकी अंतिम तिथि 24 अक्टूबर कर दी गई। हालांकि इस दौरान अनेक स्कूलों ने पोर्टल पर ब्योरा दिया भी है। लेकिन 80 से ज्यादा निजी स्कूल अब भी बचे हुए हैं। तय शेड्यूल के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों की ओर से भेजा गया यह डाटा नोटिस बोर्ड पर लगाना है। लेकिन अब तक भी अनेक निजी स्कूलों की ओर से रिक्त सीटों का पूरा डाटा उपलब्ध न कराए जाने से शिक्षा अधिकारियों को भी दिक्कतें पेश आ रही हैं। 

मनचाहे निजी स्कूलों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को और इंतजार करना पड़ सकता है

गरीब घराें के विद्यार्थियों को मनचाहे निजी स्कूलों में निश्शुल्क शिक्षा के लिए नियम-134ए के तहत दाखिला मिलता है। कोरोना काल के चलते करीब दो साल से अनेक जरूरतमंद विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन संगठन की ओर से नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में विद्यार्थियों की निश्शुल्क शिक्षा को लेकर उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका के बाद निदेशालय की ओर से शेड्यूल जारी किया था। लेकिन उसके मुताबिक अनेक निजी स्कूल नहीं चल रहे हैं।

कोरोना महामारी के चलते निजी स्कूलों में नियम-134ए के तहत जरूरतमंद विद्यार्थियों के दाखिले को लेकर अभी तक काफी समय बीत चुका है। लेकिन उनके दाखिले अभी तक नहीं हुए हैं। ऐसे में नियम-134ए के तहत मनचाहे निजी स्कूलों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को और इंतजार करना पड़ सकता है। 

की जाएगी वीडियो कान्फ्रैंसिंग

उधर, रोहतक की खंड शिक्षा अधिकारी आशा दहिया का कहना है कि इस मामले में निदेशालय के आला अधिकारी गंभीर बने हुए हैं और निदेशक की ओर से वीडियो कान्फ्रैंसिंग भी की जाएगी। जिसमें फीड बैक लिए जाने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जाएंगे। वीडियो कान्फ्रैंसिंग को लेकर जिला स्तर पर तैयारी कर ली गई है। ऐसे में अधिकारियों की ओर से जो निर्देश दिए जाएंगे उनका पालन किया जाएगा। 


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