Move to Jagran APP

रोडवेज की अनदेखी, विद्यार्थियों की बेबसी

रोडवेज या प्राइवेट बसों में सफर करने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में विद्यार्थियों की रूटों पर बसे चलाने की डिमांड आ रही है। मगर रोडवेज की घटती बसों की सर्विस मुसीबत बन गई है। विद्यार्थी बसों की खिड़कियों से लटक-लटककर सफर करने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 08:06 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 08:06 PM (IST)
रोडवेज की अनदेखी, विद्यार्थियों की बेबसी

जागरण संवाददाता, हिसार : रोडवेज या प्राइवेट बसों में सफर करने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में विद्यार्थियों की रूटों पर बसे चलाने की डिमांड आ रही है। मगर रोडवेज की घटती बसों की सर्विस मुसीबत बन गई है। विद्यार्थी बसों की खिड़कियों से लटक-लटककर सफर करने को मजबूर हैं।

loksabha election banner

विद्यार्थियों की अलग-अलग रूट पर अलग-अलग समय पर बस चलाने की मांग आ रही है। हर रोज विद्यार्थी बस चलाने की मांग को लेकर रोडवेज प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके है। पिछले कुछ दिनों से वर्कशाप के मेन गेट पर सुबह-शाम स्कूल, कालेज के छात्र-छात्राओं की भीड़ रहती है। जैसे ही बस मेन गेट से बाहर निकलती है। उसी समय छात्र-छात्राएं सीट पाने की होड़ में बस की खिड़कियों या शीशों को खोलकर बस के अंदर घुस जाते हैं। लोकल बस अड्डा पर चालक व छात्रों के बीच चले लात-घूसे

बसों की कमी के चलते विद्यार्थियों व सरकारी या प्राइवेट बस कर्मियों के बीच अक्सर झगड़े होते हैं। शनिवार दोपहर को भी लोकल बस अड्डा पर हांसी रूट पर चलने वाली निजी बस चालक व छात्रों के बीच जमकर लात-घूसे चले। बस हांसी से हिसार आ रही थी। बस में भीड़ ज्यादा था और कुछ छात्रों को बस में चढ़ने से मना कर दिया था। युवक ने कहा कि बस को मय्यड़ के पास रोक देना। हिसार आते ही चालक लोकल बस अड्डा पर चाय पी रहा था। पीछे से करीब 20 युवक आए और चालक को धुन डाला। यह मामला पुलिस के पास पहुंचा और एक युवक को मौके पर पकड़ लिया। तीन दिन पहले रोडवेज कर्मी को भी पीटा था

तीन दिन पहले बस अड्डा पर डाकघर के पास बने शौचालय से बाहर आते समय कुछ युवकों ने रोडवेज को पीटा था। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो युवकों की पहचान हुई। कुछ दिन पहले चिकनवास गांव के पास महलसरा रूट की बस में रोडवेज परिचालक को पीटा था।

बसों में बोलते है असभ्य

विद्यार्थी बोले कि दोपहर को बसों की कम ज्यादा होती है। प्राइवेट वाले बस पास को नहीं मानते, किराया लेते है। किराया नहीं लेते है तो अपशब्द या असभ्य बोलते है। लड़कियों के साथ भी ऐसा करते है। लड़कियों के निशुल्क बस पास बने है। जब बस पास दिखाती है तो भी उनको अपशब्द बोलते है। लड़कियां भी परेशान है। ऐसा ही उदाहरण बस अड्डा से तीन बजकर 37 बजे चली हांसी बस में देखने को मिला। मैं अभी बाहर हूं। मेरे पास अभी सूचना नहीं आई है। अगर चालक को पीटा है तो इसके लिए पुलिस से कार्रवाई की मांग की जाएगी। किसी परिचालक ने बस में किसी छात्रा या यात्री के साथ असभ्य व्यवहार करते है तो इसका पता लगाया जाएगा। ऐसा करना गलत है।

दिलबाग सिंह रापड़िया, जिला महासचिव, ट्रांसपोर्ट सोसायटी वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.