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हुड्डा ने कहा- हरियाणा में सरपंचों से पहले सांसद और विधायकों पर लागू हो राइट टू रिकॉल

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में सरपंचों से पहले सांसद और विधायकों के लिए राइट टू रिकॉल कानून लागू किया जाना चाहिए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 11:30 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 11:30 AM (IST)
हुड्डा ने कहा- हरियाणा में सरपंचों से पहले सांसद और विधायकों पर लागू हो राइट टू रिकॉल

रोहतक, जेएनएन।  पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा में सरपंचों से पहले सांसदों और विधायकों पर राइट टू रिकॉल का कानून बनाया जाना चाहिए। अगर हरियाणा सरकार इस कानून के लिए गंभीर है तो पंचायतों से पहले सांसदों और विधायकों पर इसे लागू करे। इसके साथ ही उन्‍होंने राज्‍य सरकार पर निजीकरण और बेरोजगारी के मुद्दे पर हमला किया।

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हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर निजीकरण और बेरोजगारी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने धान, रजिस्ट्री शराब घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार घोटालों पर टिकी हुई है। हुड्डा का कहना है कि सरकार एक-एक करके तमाम महकमों को निजी हाथों में सौंप रही है। कोरोना काल में रोजगार देने के बजाय संकट की घड़ी में नौकरियां छीनने का कार्य कर रही है। वहीं, हरियाणा को अपराध और बेरोजगारी में नंबर-एक बताया। पत्रकारों के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि सरपंचों से पहले सांसद-विधायकों पर राइट टू रिकॉल बिल लागू हो।

पूर्व सीएम ने कहा कि राइट टू रिकॉल के नियम को यदि सरपंचों पर लागू किया जाएगा तो इसका गांवों के भाइचारे पर बुरा असर पड़ेगा। अगर सरकार राइट टू रिकॉल की इतनी ही हिमायती है तो इसे पहले विधायकों पर लागू करे। अगर ऐसा होता है तो सरकार का कार्यकाल एक ही साल में पूरा हो जाएगा और जनता इसके विधायकों के खिलाफ सबसे पहले इसका इस्तेमाल करेगी।

उन्‍होंने कहा कि रोडवेज और बिजली महकमे के बाद अब पर्यटन विभाग का भी निजीकरण किया जा रहा है। हरियाणा की धरोहर माने जाने वाले पर्यटन विभाग के होटलों को सरकार निजी हाथों सौंप रही है, जिसका हम विरोध करते हैं। नौकरी से निकाले गए 1983 पीटीआइ के मसले पर भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा ने दोहराया कि कांग्रेस इनका रोजगार बचाने के लिए विधानसभा में प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आएगी। कई कर्मचारियों को विधायी शक्तियों का इस्तेमाल करके नौकरी पर रखा था। जरूरत पड़ी तो पीटीआइ के लिए भी ऐसा किया जाएगा। कृषि के नए तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी करार दिया।

इनेलो को बताया बासी कढ़ी में उबाल

बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस से किस पार्टी से मुकाबला होगा इस सवाल पर कहा कि जनता और सरकार की नाकामियों के बीच मुकाबला है। कांग्रेस चुनाव जीतेगी। भाजपा, जजपा या फिर इनेलो से मुकाबले पर बोले कि कौन सी इनेलो। इसके साथ ही कहा कि इनेलो तो बासी कढ़ी में उबाल जैसी है। वहीं, हाल ही में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के मामले को लेकर कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है।


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