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शोध : काढ़ा ही नहीं कोरोना काल में शहद भी रामबाण, बालों का झड़ना रोकने में भी अचूक

कोरोना से बचाव को लाेग देसी नुस्‍खों का प्रयोग कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा रहे हैं। इसके लिए काढ़ा सबसे बेहतर उपाय माना गया है। मगर काढ़े के साथ शहद भी कोरोना का रामबाण है

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 01:44 PM (IST)
शोध : काढ़ा ही नहीं कोरोना काल में शहद भी रामबाण, बालों का झड़ना रोकने में भी अचूक
शोध : काढ़ा ही नहीं कोरोना काल में शहद भी रामबाण, बालों का झड़ना रोकने में भी अचूक

भिवानी [सुरेश मेहरा] कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया को भय के माहौल में जीने पर मजबूर कर दिया है। वैक्सीन बनाने की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन तब तक क्‍या हो, तो लाेग देसी नुस्‍खों का प्रयोग कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा रहे हैं। इसके लिए काढ़ा सबसे बेहतर उपाय माना गया है। मगर काढ़े के साथ शहद भी कोरोना का रामबाण है। ऐसा ही एक शोध में सामने आया है। भिवानी के कीट वैज्ञानिक प्रो. हरिदत्त के शहद पर शोध स्वस्थ जीवन की आस जगा रहे हैं। शहद प्रकृति का यह मीठा खजाना ऐसा है, डाक्टरों ने जिसे मीठा खाने से मना कर दिया वह भी इसका सेवन कर सकता है। इसका सेवन इम्यूनिटी इतनी मजबूत कर देता है बीमारियां मनुष्य के पास भी नहीं फटकती।

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कीट वैज्ञानिक प्रो. हरिदत्त कौशिक भिवानी के चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में रिसर्च सलाहकार रह चुके हैं। इसके अलावा एचएयू हिसार में वरिष्ठ वैज्ञानिक के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने अपने शोधों में पाया है कि मधुमक्खियां मनुष्य की मित्र हैं। शहद बनाने की मधुमक्खियों की प्रक्रिया पर जाएं तो यह आम आदमी की समझ से दूर है। हां यह जरूर है कि शहद वह टॉनिक है जिसका सही से प्रयोग किया जाए तो मनुष्य स्वस्थ जीवन के साथ दीर्घायु जीता है।

सप्ताह में एक बार शहद का सेवन किया तो बीमारियों से बचे रहोगे

प्रो. हरिदत्त कौशिक कहते हैं कि सप्ताह में एक बार भी शहद का नियमित सेवन शुरू दिया तो समझो बहुत सी बीमारियां आपके पास फटकेंगी भी नहीं। शहद में प्रोबायोटिक या सहायक बैक्टीरिया प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। शहद प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाता है। एलर्जी को कंट्रोल करता है। शहद का इस्तेमाल आंतों में फंगस तक खत्म करता है।

सप्ताह में एक दिन सिर में शहद लगाइये बाल झडऩे बंद हो जाएंगे

प्रो. हरिदत्त कौशिक ने 30 मरीजों पर किए अध्ययन में यह सामने आया कि सप्ताह में एक बार सिर मेंं शहद लगाने से छह माह में बाल झडऩे की समस्या खत्म हो गई। कीट वैज्ञानिक प्रो. कौशिक के पास 40 साल का अनुभव है। वह बताते हैं कि शहद मनुष्य के लिए अमृत समान है। शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पिया जाए तो खून में लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की संख्या बढ़ता है। लाल रक्त कोशिकाएं मुख्य रूप से शरीर के विभिन्न अंगों तक खून में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। शहद और गुनगुने पानी का मिश्रण खून में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है। इससे एनीमिया या खून की कमी की स्थिति में लाभ होता है।

खून में आक्सीजन लेवल बढ़ाता है शहद

शहद वास्तव में हमारे शरीर के लिए रामबाण है। मनुष्य के जीवन के लिए ऑक्सीजन बहुत जरूरी है। शरीर में आक्सीजन की कमी हो जाए तो थकान, सांस फूलना और कई बार उदासी और दूसरी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। शहद रक्त में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता बढ़ा कर शारीरिक कमजोरी दूर करता है।

प्रो. हरिदत्त कौशिक, कीट वैज्ञानिक


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