दक्षिण हरियाणा के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा रिजनल सेंटर, सीएम करेंगे उद्घाटन
महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय का रीजनल सेंटर भिवानी जिले के किसानों के लिए बड़ी सौगात बनेगा। यह बागवानी रीजनल सेंटर चालू होने के बाद जिले के किसानों को बड़ा फायदा होगा। यहां किसानों को नई तकनीक से खेती करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
ढिगावा मंडी, मदन श्योराण। गांव खरकड़ी बावनवाली में दिल्ली पिलानी नेशनल हाईवे 709 पर बनने वाला महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय का रीजनल सेंटर भिवानी जिले के किसानों के लिए बड़ी सौगात बनेगा। यह बागवानी रीजनल सेंटर चालू होने के बाद जिले के किसानों को बड़ा फायदा होगा। यहां किसानों को नई तकनीक से खेती करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा और कम लागत पर अधिक आय ले सकेंगे।
बागवानी विश्वविद्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर एक्सटेंशन डा. एसके यादव ने बताया कि बदलते समय के साथ खेती का तरीका भी बदल गया है। अब पढ़े-लिखे युवा किसान सब्जियों व फलों की खेती की तरफ रुझान कर रहे हैं। महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय रीजनल सेन्टर खरकड़ी में किसानों को सब्जियों, फलों, मधुमक्खी पालन, मशरूम व औषधियों पौधों सहित कई तरह की ट्रेनिग देने पर काम होगा।
गांव खरकड़ी बावनवाली ने रीजनल सेंटर के लिए 120 एकड़ पंचायती जमीन दे रखी है। यहां जमीन की लेवलिग का काम भी शुरू कर रखा है। सबसे पहले प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन में सब्जियों के बीज तैयार करेंगे, नर्सरी तैयार की जाएगी, खुद बीज तैयार किए जाएंगे और किसानों को पौध व बीज उपलब्ध कराएंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल 21 को करेंगे शिलान्यास :-
कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि गांव खरखड़ी में 120 एकड़ में स्थापित होने वाला महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय का रीजनल सेन्टर दक्षिण हरियाणा के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल 21 अगस्त को इस केन्द्र का शिलान्यास करेंगे।
फल-सब्जी की खेती की ट्रेनिग :-
भिवानी जिले के भौगोलिक वातावरण, जमीन व सिचाई के हिसाब से किसानों को फलों व सब्जियों की खेती की ट्रेनिग दी जाएगी। औषधीय पौधों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका बीज व पौध भी रीजनल सेंटर उपलब्ध करवाएगा।
कृषि अधिकारी पौधे लगाकर रिर्सच करेंगे :-
गांव खरकड़ी बावनवाली में बनने वाले रीजनल सेंटर में फल व सब्जियों की नई किस्मों व नई तकनीकों पर काम होगा। आम, अमरूद, अनार, बेर आदि फलों की उन्नत किस्मों पर रिसर्च होगी ताकि किसान का उत्पादन बढ़े और आमदनी में भी इजाफा हो। कृषि वैज्ञानिकों का ज्यादा फोकस उन पौधों पर रिसर्च करने का रहेगा, जिनका उत्पादन भिवानी जिले के राजस्थान के साथ लगते बालू रेत के टीलों में हो सके।
किसानों को दी जाएगी जानकारी :-
कृषि अधिकारी डॉ चंद्रभान श्योराण ने बताया कि महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय का रीजनल सेन्टर में कृषि वैज्ञानिकों भी बैठेंगे, जो किसानों को खेती में आने वाली बीमारियों के बारे में सलाह देंगे। सब्जी, बागवानी व औषधीयों पौधों के एक्सपर्ट वैज्ञानिकों की नियुक्ति की जाएगी। सब्जी या फलों के बाग में किसी तरह की बीमारी या कीड़ा है तो किसान उसे खेत से उखाड़कर सीधे रीजनल सेंटर में आकर वैज्ञानिक को दिखा सकते हैं।