नौकरी से हटाने पर PTI शिक्षिका ने बेटे सहित करवाया मुंडन, बोली- कैसे चलेगा घर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश के 1983 पीटीआई अध्यापकों को रिलीव कर दिया गया है। ऐसे में सालों से नौकरी कर रहे इन अध्यापकों का कहना है घर चलाना मुश्किल हो गया है।
सिरसा, जेएनएन। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश के 1983 अध्यापकों को रिलीव करने पर सीएम मनोहर लाल के विरोध में सिरसा में एक कविता नामक शिक्षिका ने बेटे सहित मुंडन करवा लिया। महिला मुंडन करवाने के बाद अपने घर के बाहर पार्क में विरोध जताने के लिए बैठ गई है। महिला ने बताया कि उनके पति बलविंदर सिंह गांव सिकंदरपुर में मोबाइल की दुकान चलाते हैं।
लॉकडाउन के चलते दुकान 3 महीने से बंद पड़ी है। उपर से मेरी भी नौकरी चली गई अब घर का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। दो बच्चे हैं उनकी भी फीस नहीं भर पा रहे हैं निजी स्कूल से बार-बार फोन आ रहे हैं। कविता ने बताया कि 2006 में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय से पीटीआई की इसके बाद 2010 में जॉब लग गई। जॉब लगने के बाद पहले कभी यह नहीं सोचा था कि ऐसा भी दिन आएगा। कविता ने बताया कि अब हमारे परिवार के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है ऐसे में क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा है।
किस्मत ने दिया दगा, पहले पुलिस की, अब PTI की चली गई नौकरी, पति-पत्नी एक साथ ही हुए थे भर्ती
महेंद्र मेहरा, सिरसा। सिरसा में कविता जैसी ही कहानी एक और महिला की भी है। 16 साल पहले पुलिस कांस्टेबल के पद पर मिली नौकरी चली गई। उसके बाद वर्ष 2010 में पीटीआइ के पद पर पति व पत्नी दोनों को नौकरी मिल गई। इसी दौरान 2010 में ही पुलिस से निकाले गए पुलिस कर्मचारियों को वापस ले लिया। मगर हाल ही में डबवाली में रहने वाली नीलम रानी ने पुलिस की नौकरी ज्वाइनिंग नहीं की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब प्रदेश के 1983 अध्यापकों को रिलीव कर दिया गया। ऐसे में अब पति व पत्नी दोनों सदमे में हैं।
---अबूबशहर गांव निवासी नीलम रानी ने बताया कि वर्ष 2004 में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर नौकरी मिली। पुलिस विभाग में नौकरी मिलने वालों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा था। इसी दौरान प्रदेश सरकार पर आचार संहिता में नौकरी देने के आरोप लगाए गए जिस पर भर्ती को रद कर दिया गया। ऐसे में पांच माह के प्रशिक्षण बाद नौकरी से निकाल दिया गया। नीलम ने बताया कि वर्ष 2005 में गांव जंडवाला निवासी अनिल कुमार से शादी हो गई। वर्ष 2010 में हम दोनों को नौकरी मिल गई जिससे दोनों काफी खुश थे। पुलिस विभाग में 2004 में भर्ती हुए सिपाहियों को वापस भी ले लिया गया मगर उसने ज्वाइनिंग नहीं की।
अब क्या करें
नीलम रानी ने बताया कि अब दोनों को नौकरी से निकाल दिया गया। दस साल की नौकरी करने के बाद अब दूसरा कोई कार्य भी नहीं कर सकते हैं। प्रदेश सरकार अध्यापकों की नौकरी बचाए। जिससे अध्यापक बेरोजगार होने से बच जाए।