हड़ताल में भी मनपसंद रूटों पर दौड़ रही थीं प्राइवेट बसें, आरटीए ने जब्त किए परमिट
संवाद सहयोगी, हिसार : जिला प्रशासन की सख्ती के बाद मंगलवार को प्राइवेट बसें अपने मनपसंद रूटो
संवाद सहयोगी, हिसार : जिला प्रशासन की सख्ती के बाद मंगलवार को प्राइवेट बसें अपने मनपसंद रूटों पर नहीं दौड़ सकीं। सुबह आठ बजे ही आरटीए ने बस स्टैंड पर खड़ी 30 प्राइवेट बसों के परमिट जब्त कर लिए और अपने अनुसार रूट निर्धारित कर इन बसों को लंबे और लोकल रूटों पर दौड़ाया, जिस कारण मंगलवार को यात्रियों को कुछ हद तक राहत मिली। कुल 96 बसें चंडीगढ़, दिल्ली, पानीपत, गुरुग्राम, सिरसा, भिवानी, यमुनानगर, बरवाला, भूना, तोशाम, खारिया, बालसमंद सहित कई रूटों पर दौड़ीं। रोडवेज की 40 और 56 प्राइवेट बसें दौड़ने के कारण यात्रियों ने राहत की सांस ली। कारण यह था कि रोडवेज ने 14 नए ड्राइवरों की सेवाएं लीं, तो दूसरा 50 होमगार्डों और अन्य विभागों के चालकों की मदद से बसों को लंबे व लोकल रूटों पर दौड़ाया। तो दूसरी ओर, आरटीए के सख्त रवैये से नाराज 5 प्राइवेट बस संचालकों ने बस स्टैंड पर बसों को खड़ी कर दी और रोष जाहिर किया। लेकिन तीन घंटे बाद ये प्राइवेट बस संचालक ड्यूटी पर लौट आए और आरटीए द्वारा निर्धारित रूटों पर बस चलाई। बॉक्स :::
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जिले से बाहर सेवाएं देने में हिचकिचा रहे हैं प्राइवेट बस संचालक
सरकार की सख्ती के बावजूद भी कुछ प्राइवेट बस संचालक रूटों पर बसें नहीं दौड़ा रहे हैं। गांव बास निवासी संदीप व गांव किरोड़ी निवासी अनिल का कहना है कि वे हिसार-नरवाना रूट पर प्राइवेट बस चलाते हैं। उन्होंने सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि अगर वे जिले से बाहर प्राइवेट बसों को लेकर जाते हैं तो कोई सड़क हादसा हो जाए या फिर किसी प्रकार की तोड़फोड़ हो जाए तो क्या सरकार इसकी जिम्मेदारी लेती है। इसी को देखते हुए वे सरकार की नीतियों के खिलाफ है। इसी कारण उन्होंने मंगलवार के दिन बसों को रूटों पर नहीं दौड़ाया। बॉक्स :::
प्राइवेट बस संचालकों ने हड़ताल स्थगित की, सुचारू रूप से दौड़ेंगी बसें
हरियाणा सहकारी परिवहन समिति कल्याण संघ के प्रदेश के महासचिव दिलबाग ¨सह रापड़िया और जिला प्रधान श्रीपाल ने बताया कि मंगलवार को करनाल में प्राइवेट बस संचालकों की मी¨टग हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि सुचारू रूप से प्रदेश भर में प्राइवेट बसें दौड़ेगी। लेकिन वे हॉयर की गई प्राइवेट बसों को परमिट देने के विरोध में है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पूंजीपतियों को परमिट दिए है, जोकि गलत है। इसी के विरोध में उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाई है कि सरकार ने जो परमिट हॉयर किए है, उन्हें खत्म किया जाए। बॉक्स :::
परेशानी से जूझ रहे विद्यार्थी सरकार की सख्ती के बावजूद भी अधिकांश लोकल रूट अभी भी बाधित हैं। खासकर, विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शहरों तक पहुंचने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिसका निजी वाहन चालक भी जमकर फायदा उठा रहे हैं। सीधे तौर पर प्रभाव विद्यार्थियों की जेबों और पढ़ाई पर पड़ रहा है।
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विभिन्न संगठनों ने भी किया रोडवेज का समर्थन हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान एवं रोडवेज तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता राजपाल नैन ने प्रेस को जारी बयान में सरकार के खिलाफ गरजे। उन्होंने कहा कि सरकार को उन्हें बुलाकर उनका पक्ष सुनना चाहिए। साथ ही यह भी तय कर दिया कि 720 प्राइवेट बसों को किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा। एचएसईबी वकर्रज यूनियन, रिटायर्ड कर्मचारी संघ, एचएसवीपी कर्मचारी यूनियन, एचएसईबी वर्कर्ज यूनियन सहित कई यूनियनों ने भी रोडवेज हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर सरकार रोडवेज यूनियन की मांगे नहीं मानती है तो वे भी अपनी सेवाएं ठप कर देंगे।
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- मंगलवार को कुल 96 बसों को रूटों पर दौड़ाया गया, जिस कारण लंबे व लोकल रूटों पर यात्रियों को काफी हद तक राहत मिली। बुधवार को भी बस सेवा इसी तरह से सुचारू रहेगा।
- सतीश रुहली, रोडवेज महाप्रबंधक, हिसार डिपो।