Move to Jagran APP

Haryana weather update: हरियाणा में दो दिन बाद मिलेगी गर्मी से राहत, 22 मार्च को बारिश की संभावना

हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से राजस्थान के पास बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण 21 मार्च देर रात्रि से बदलाव संभावित है। 22 मार्च से 24 मार्च के बीच राज्य में अधिकांश हिस्सों में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश होने के आसार हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 01:58 PM (IST)
हरियाणा में दिन का तापमान काफी अधिक है। हिसार में 33 डिग्री सेल्सियस को भी तापमान पार कर गया है।

हिसार, जेएनएन। प्रदेश भर में इन दिनों दिन का तापमान काफी अधिक चल रहा है। हिसार में 33 डिग्री सेल्सियस को भी तापमान पार कर गया है। ऐसे में लोगाें ने अभी से ही एयर कंडीशन और कूलर तक चलाने शुरू कर दिए हैं। मौसम विज्ञानियों की मानें 22 मार्च के बाद दिन के तापमान में हल्की कमी देखने को मिल सकती है।

loksabha election banner

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि 24 मार्च तक मौसम परिवर्तनशील रहने, बीच बीच में आंशिक बादलवाई और हवा चलने की संभावना है। मगर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से राजस्थान के पास बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण 21 मार्च देर रात्रि से बदलाव संभावित है। 22 मार्च से 24 मार्च के बीच राज्य में अधिकांश हिस्सों में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश होने के आसार हैं।

किसान इन बातों का रखें ध्यान

इस सप्ताह मौसम में लगातार बदलाव की संभावना को देखते हुए कुछ दिन विशेषकर गेहूं की फसल में सिंचाई रोक लें। हवा चलने की संभावना को देखते हुए सरसों की फसल जो पकने की अवस्था में है उसे कटाई कर ली है तो जल्द से जल्द निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर रखें या काटी फसल के बंडल अच्छी प्रकार से बांध लें ताकि हवा चलने से उड़ न सके। इसी प्रकार हल्की बारिश व हवा चलने की संभावना को देखते हुए अगले कुछ दिन फसलों में स्प्रे रोक ले। यदि आवश्यक हो तो मौसम खुलने पर ही स्प्रे करें।

क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्ण कटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बारिश के रूप में बदल जाती है।

हिसार की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.