Pranab Mukherjee News: हुड्डा परिवार की तीन पीढिय़ों का संसद में रहा प्रणब मुखर्जी से नाता
चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह ने संसद में एक साथ काम किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बुलावे पर प्रणब मुखर्जी रोहतक भी आए थे।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ] पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिवार का खास नाता रहा है। हुड्डा परिवार की तीन पीढिय़ों ने संसद में उनके साथ कार्य किया। इतना ही नहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बुलावे पर वे रोहतक में भी आए थे। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में स्वराज सदन की आधारशिला रखने के अलावा चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा स्मृति व्याख्यान दिया था। पूर्व सीएम हुड्डा ने उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
बता दें कि संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य एवं स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा सभी सदनों से सदस्य रहे थे। चौधरी रणबीर सिंह के साथ संसद में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने साथ कार्य किया। इसके बाद चार बार चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा लोकसभा में गए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा लोकसभा में पहुंचे। लगातार तीन बार दीपेंद्र लोकसभा सदस्य चुने गए। वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं।
प्रणब मुखर्जी का निधन देश को बड़ी क्षति : भूपेंद्र हुड्डा
प्रणब मुखर्जी स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते थे। इसलिए उनके साथ हमारा शुरू से ही विशेष लगाव रहा। हमारी तीन पीढिय़ों स्व. चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा से लेकर दीपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा तक को उनके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। हुड्डा ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते भी मुखर्जी का सहयोग और आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ बना रहा। प्रणब दा का मिलनसार और सहयोगी स्वभाव सभी को प्रभावित करता था। प्रणब मुखर्जी का निधन देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर देश की सेवा की। प्रणब दा ने राष्ट्र की अत्यंत समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ सेवा की। देश उन्हें एक आदर्श राजनीतिज्ञ, कुशल प्रशासक, मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत के तौर पर याद रखेगा।
राजनीतिक जीवन में हर कदम मिला दादा का साथ : दीपेंद्र हुड्डा
पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न दादा प्रणब मुखर्जी सबके चहेते थे। उनके निधन से देश की राजनीति में बड़ा झटका लगा है। मेरे के लिए सौभाग्य की बात है कि राजनीतिक जीवन में हर कदम पर दादा का मार्गदर्शन मिला। देश के विकास में दादा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके परिवार के साथ दादा का खास रिश्ता रहा है।