शौचालय को तरस रहे पुलिसकर्मी और आमजन, कागजों में हिसार शहर ओडीएफ प्लस-प्लस
जहां प्रतिदिन 50 हजार वाहनों की आवाजाही रहती है। उस क्षेत्र का ट्रैफिक संभाल रही पुलिस के पास बेहतर शौचालय तक नहीं है। एक यूरिनल लगा हुआ है जिसका रखरखाव के अभाव में वह बदहाल है। न तो उसमें पानी उचित प्रबंध है और न ही साफ सफाई रहती है।
हिसार, जेएनएन। हिसार शहर का डाबड़ा चौक जहां प्रतिदिन करीब 50 हजार वाहनों की आवाजाही रहती है। उस क्षेत्र का ट्रैफिक संभाल रही पुलिस के पास बेहतर शौचालय तक नहीं है। एक यूरिनल लगा हुआ है जिसका रखरखाव के अभाव में वह बदहाल है। न तो उसमें पानी उचित प्रबंध है और न ही साफ सफाई रहती है। ऐसे स्थिति में वहां डयूटी कर रहे पुलिस कर्मी और वहां पर वाहनों का इंतजार करने वाले आमजन शौचालय के अभाव में परेशानी झेल रहे है।
पुलिस कर्मचारी मुकेश, गुलाब सिंह और संदीप शर्मा सहित वहां मौजूद कर्मचारियों ने शौचालय नहीं होने के चलते अपना दर्द बयां करते हुए प्रशासन से शौचालय सुविधा मुहैया करवाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि डाबड़ा चौक पर करीब 8 से 10 पुलिस कर्मी अक्सर तैनात रहते है। जिन्हें शौचालय के लिए कभी किसी के घर तो कभी किसी की दुकान में बने शौचालय में जाना पड़ता है।
प्रतिदिन सैंकड़ों यात्री घंटों वाहनों का यहां करते है इंतजार, शौचालय नहीं
डाबडा चौक मार्ग शहर के व्यस्त मार्गों में से एक है। इस मार्ग में डाबडा व तोशाम की तरफ जाने वाले इसी चौक से बड़ी संख्या में लोग बस व दूसरे वाहनों में अपने गन्तव्य तक पहुंचने के लिए वाहन लेते है। ऐसे में वाहन के इंतजार में उन्हें काफी देर तक यहां खड़ा रहना पड़ता है। इस दौरान यहां आसपास केवल एक मात्र यूरिनल बना है वह भी पुरुष के लिए है। जबकि शौचालय की उनके लिए भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है।
महिलाओं को प्रशासन कर रहा दरकिनार
शहर के मुख्य मार्केट हो या मुख्य चौक चौराहे नगर निगम प्रशासन महिलाओं को दरकिनार कर रहा है। उनके लिए शौचालयों की पर्याप्त शहर में सुविधा नहीं है। पूर्व में तो हालात ये थे कि भगत सिंह चौक मार्केट में महिलाओं के लिए एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं था। ऐसे में एक महिला को शौचालय के प्रबंध के लिए आयोग से लेकर प्रदेश मुख्यमंत्री तक को गुहार लगानी पड़ी थी। लंबे संघर्ष के बाद मार्केट में शौचालय का प्रबंध हुआ। वहीं डाबडा चौक पर अभी भी महिला शौचालय की दरकार है।
शहर ओडीएफ प्लस-प्लस
भारत सरकार के रिकार्ड में हिसार का हर नागरिक शौचालय का प्रयोग करता है। शहर खुले में शौच मुक्त है। क्योंकि कागजों में ओडीएफ प्लस-प्लस है। यह सच कितना कारगर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मार्केट से लेकर चौक चौराहों तक पर महिलाओं के लिए पर्याप्त शौचालय तक नहीं है। ऐसे में यह स्थिति ओडीएफ प्लस-प्लस का सच उजागर कर रही है।