पूरी रात गेट पर बैठे रावलवास खुर्द के ग्रामीणों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, हिसार : रावलवास खुर्द में एक माह पहले हुई वेद प्रकाश की हत्या के आरोि
जागरण संवाददाता, हिसार : रावलवास खुर्द में एक माह पहले हुई वेद प्रकाश की हत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार से लघु सचिवालय के मुख्य गेट को बंद कर बैठे ग्रामीणों को पुलिस ने मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनको उठने की चेतावनी दी तो ग्रामीणों ने गिरफ्तारी देने की बात कही। सभी को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन में ले गई। ग्रामीणों के आंदोलन के चलते सुबह लघु सचिवालय में अधिकारियों व कर्मचारियों को वाहन लेकर बैकडोर से आना पड़ा। लोगों को भारी परेशानी हो रही थी जिस पर प्रशासन ने कदम उठाया।
जानकारी के अनुसार रावलवास खुद में करीब 50 साल के वेद प्रकाश की हत्या हो गई थी। हत्या के मामले में शव रखकर भी परिजनों ने प्रदर्शन किया था। परिवार के लोगों के विरोध के बाद हत्यारोपित एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन उस मामले में अभी करीब चार लोग गिरफ्त से बाहर है। परिजनों ने सोमवार दोपहर को लगातार धरना देते हुए सचिवालय का मुख्य गेट बंद कर दिया था। वह वहां पर धरना देकर बैठ गए थे। प्रशासन की तरफ से एसडीएम व अन्य अधिकारियों ने उनको समझाने का प्रयास किया था लेकिन वह नहीं माने थे। पूरी रात धरनारत प्रदर्शन करते हुए सचिवालय के गेट पर बैठे थे। सुबह नौ बजे लघु सचिवालय का गेट बंद होने के कारण डीसी को दूसरे गेट से आना पड़ा। डीसी ने करीब साढ़े दस बजे आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन सभी ने कार्यालय में जाकर बातचीत करने से मना कर दिया। लोगों के नहीं मानने पर तहसीलदार ने माइक से गेट से हटने की बात कही। प्रदर्शनकारियों ने हटने के बाद गिरफ्तारी देने के लिए कहा। पुलिस ने बाद में उनको गिरफ्तारी कर लाइन में ले गए। वहां पर सभी पर मामला दर्ज किया गया है। बॉक्स.
गेट बंद होने से हुई परेशानी सोमवार दोपहर से ही सचिवालय का मुख्य गेट पर प्रदर्शनकारी बैठे थे। शाम को भी सचिवालय के कर्मचारियों व आम आदमी को परेशानी उठानी पड़ी। वहीं मंगलवार सुबह जब कर्मचारी आए तो भी गेट बंद मिला। डीसी को भी पीछे से आना पड़ा। वहीं अन्य अधिकारी भी गाड़ी लेकर पीछे से आए।
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ये हैं मुख्य मांगें
- हत्यारोपितों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो
- पीड़ित परिवार को धमकी मिल रही हैं, इसलिए उनको दो गन लाइसेंस दिए जाएं
- मृतक के परिवार को दस लाख रुपये आर्थिक सहायता दी जाए
- परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।