दिल्ली से भी जहरीली हिसार की आबोहवा, खतरे के निशान से ऊपर PM 2.5 और PM-10 का स्तर
साल 2019 में हिसार में दिवाली पर वातावरण में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 470 और पीएम-10 का लेवल 469 तक पहुंच गया। जानें क्या होता है पीएम 2.5 और पीएम-10
हिसार, जेएनएन। शहरवासियों के लिए चिंता की खबर है। पर्यावरण को लेकर लापरवाही से शहर की आबोहवा सांस लेने के लिए शुद्ध नहीं रही। इस साल दिवाली पर हिसार की आबोहवा बीते सालों के मुकाबले और अधिक जहरीली हो गई है। यह खुलासा पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर जारी नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार शहर का वायु प्रदूषण का स्तर तय मानकों में खतरे के लाल निशान पर है। साल 2019 में हिसार में दिवाली पर वातावरण में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 470 और पीएम-10 का लेवल 469 तक पहुंच गया। इसमें 2.5 पिछले साल के मुकाबले 182.21 ज्यादा हो गया है। यह कण एक आम आदमी के लिए ज्यादा खतरनाक हैं। वहीं पीएम 10 पिछले साल से 26.11 कम हुआ है, परंतु अभी भी खतरे के जोन में है।
दिवाली के दिन शहर में करीब एक करोड़ रुपये के पटाखे जलाए गए। पटाखों के कारण हर जगह धुंआ ही धुंआ हुआ। इस धुएं के कारण आम आदमी को ज्यादा दिक्कत हुई। पर्यावरण विभाग और प्रशासन की तरफ से जहां पर्यावरण को बचाने के लिए इस बार ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। वहीं हिसार में पीएम 2.5 और पीएम 10 ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है। वहां से ज्यादा जहरीली हिसार की हवा है।
वहीं बात देश के स्वच्छ शहर इंदौर की करें तो वहां का पीएम 2.5 और 10 दोनों ही संतोषजनक है। पीएम 2.5 औसतन 48 और पीएम-10 का लेवल 53 रहा। ऐसे में शहरवासियों को शुद्ध हवा के लिए स्वच्छता को हर हाल में अपने जीवन में अपनाना अनिवार्य होने लगा है।
हम बनेंगे जिम्मेदार तो इंदौर जैसा होगा हिसार
स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम रहे इंदौर में स्वच्छ वायु का मुख्य कारण उनकी स्वच्छता है। देश के स्वच्छ शहरों में प्रथम रहे इंदौर में दिवाली पर वायु प्रदूषण का अधिकतम स्तर पीएम 2.5 का लेवल 92 और पीएम-10 का स्तर 106 तक रहा। वहीं बात हिसार की करे तो स्वच्छता के 173वें स्थान पर आने वाले शहर की आबोहवा देश की राजधानी दिल्ली से भी ज्यादा जहरीली है। दिल्ली में दिवाली पर औसतन पीएम 2.5 का स्तर 335 और पीएम 10 का स्तर 197 है। यानि हमें शुद्ध हवा के लिए स्वच्छता को अपनाने के लिए जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभानी होगी।
क्या है पीएम 2.5 व पीएम 10 (डा. सोमवीर बजाड़, प्रभारी, पर्यावरण विभाग, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय)
-पर्टिकुलेट मैटर यानि पीएम-10 : वो कण हैं, जिनका व्यास 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होता है। ये कण हवा में आक्सीजन को प्रभावित करते हैं। जब इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है, तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन इत्यादि समस्याएं होने लगती हैं। पीएम-10 के स्तर का बढऩे का कारण आंधी के अलावा आगजनी, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं इत्यादि भी होता है।
-पीएम 2.5 : वे छोटे कण जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है। यह कण ठोस या तरल रूप में वातावरण में होते हैं। इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल हैं।
मानकों के अनुसार पीएम किस स्तर पर संतोषजनक
पीएम-2.5 - 0 से 60 से कम,
पीएम-10 - 0 से 100 से कम
शहर में तीन साल पर्टिकुलेट मैटर की स्थिति
साल 2019 : (पीएम-2.5 व पीएम-10)
दिवाली से पहले, पीएम 2.5 - 387, पीएम10 - 377
दिवाली के दिन, पीएम 2.5 - 470, पीएम10 - 469
दिवाली के बाद, पीएम 2.5 - 500, पीएम10 - 500
साल 2018 : (पीएम-2.5 व पीएम-10)
दिवाली से पूर्व, पीएम 2.5 - 135.63, पीएम10 - 319.62
दिवाली के दिन, पीएम 2.5 - 287.79, पीएम10 - 495.11
दिवाली के बाद, पीएम 2.5 - 228.29, पीएम10 - 380.7
साल 2017 : (पीएम-2.5 व पीएम-10)
दिवाली से पूर्व, पीएम 2.5 - 260.9, पीएम 10 - 318.7
दिवाली के दिन, पीएम 2.5 - 205.3, पीएम10 - 250.7
दिवाली के बाद, पीएम 2.5 - 198.4, पीएम10 - 252.2
दिवाली पर वातावरण में पीएम का अधिकतम स्तर (27 अक्टूबर)
शहर, पीएम-2.5 पीएम-10
हिसार, पीएम 2.5 - 470, पीएम10 - 469,
इंदौर , पीएम 2.5 - 92, पीएम10 - 106
आइटीओ दिल्ली, पीएम 2.5 - 396, पीएम10 - 259
----पर्यावरण बचाव में सभी को मिलकर कार्य करना होगा। पीसीबी की ओर से दिवाली से पहले रैली निकालकर लोगों को इक्रोफ्रेंडली दिवाली मनाने के लिए प्रेरित किया था। आमजन से आग्रह है कि वे पर्यावरण बचाव में सहयोग करें। सभी के प्रयास से शहर स्वच्छ होगा और पर्यावरण बचाया जा सकेगा।
- राकेश भौंसले, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी हिसार।