Move to Jagran APP

भगाना के पीड़ितों ने न्याय नहीं मिलने पर फूंका पीएम और शाह का पुतला

जागरण संवाददाता, हिसार : गांव भगाना में दबंगों की प्रताड़ना के शिकार दलित परिवारों ने 6 वर्ष बाद भी न

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Feb 2018 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 15 Feb 2018 07:40 PM (IST)
भगाना के पीड़ितों ने न्याय नहीं मिलने पर फूंका पीएम और शाह का पुतला

जागरण संवाददाता, हिसार : गांव भगाना में दबंगों की प्रताड़ना के शिकार दलित परिवारों ने 6 वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिलने पर बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय परिसर में प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का पुतला जलाकर रोष जताया। भगाना के पीड़ित दलित परिवारों ने हिसार शहर में पुनर्वास, आरोपियों के साथ-साथ इस मामले में कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी के तहत कार्रवाई, गांव भगाना में पंचायती जमीन से अवैध कब्जे हटवाने व धरने के दौरान मृतक मनोज के परिवार को न्याय देने आदि मांगों के साथ लघु सचिवालय में विरोध प्रदर्शन कर एसडीएम को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

loksabha election banner

भगाना कांड संघर्ष समिति के प्रधान सतीश काजला बताया कि इतना कुछ हो जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ 6 साल से आज तक एफआइआर भी दर्ज नहीं की गई है। पीड़ित परिवारों के पलायन के बाद जिला प्रशासन ने ही दर्जनों झूठे मुकदमे दर्ज कर सैकड़ों बच्चों-बूढ़ों को जेल में डाल कर खूब प्रताड़ित किया जिसमें राजद्रोह जैसा संगीन केस भी शामिल है। गांव में भी दबंग आरोपियों द्वारा गांव में बचे दलित-पिछड़ों पर अत्याचार जारी रखते हुए 23 मार्च 2014 को 4 दलित नाबालिक लड़कियों का अपहरण एवं सामूहिक दुष्कर्म कर उन्हें मरने के लिए ब¨ठडा पंजाब में छोड़ दिया गया, जिसके बाद 95 दलित परिवारों ने और गांव छोड़ दिया। 25 अगस्त 2014 को ही पिछड़ों पर ताबड़तोड़ गोलीकांड किया गया और 8वीं कक्षा की छात्रा का अपहरण कर रेप किया गया। इसके अलावा दलित-पिछड़ी बस्तियों में जातिगत मारपीट जातिसूचक गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी, जानलेवा हमला आदि तो दबंग आरोपियों की दिनचर्या का हिस्सा है।

सतीश काजला ने बताया कि पीड़ित परिवारों की हुड्डा सरकार में कोई सुनवाई नहीं हुई और 4 साल बीत जाने के बाद न ही मनोहर सरकार में कोई सुनवाई हो रही है। इस मौके पर ट्रस्ट के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष जोगेन्द्र अमलोहा, युवा महासचिव दिनेश कुमार वर्मा, सनातन धर्म चैरिटेबल के कार्यकारी सचिव नरेश सैनी, रामफल काजला, कुलदीप काजला, महेंद्र ¨सह काजला, रामकिशन, पियूष जांगड़ा, दरिया ¨सह, राममेहर, राजेंद्र कुमार, नरेंद्र, रमेश ,बलराज, रामकुमार, राजेश, नीलम, सुमित्रा, रामप्यार, संतोष, अंजू सिवाच, शकुंतला सहित पीड़ित दलित-पिछड़ परिवारों के अनेक सदस्य मौजूद थे।

ये था सारा मामला

सतीश काजला के अनुसार पीड़ित दलित-पिछड़े परिवार 21 मई 2012 से हिसार लघु सचिवालय में शरण लिए हुए हैं। गांव में आरोपियों जिसमें गांव सरपंच भी शामिल है, ने मिलकर पूरी पंचायती जमीन पर अवैध कब्जे कर लिए हैं। पीड़ित परिवारों ने इस पूरे मामले की शिकायत जिला प्रशासन को वर्ष 2011 में लिखित में दे दी थी। इसके बाद दबंग परिवारों ने पीड़ित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर खेल मैदान तहस-नहस कर दिया, चौक पर दीवार निकाल कर घरों के रास्ते बंद कर दिए, पूरी पंचायती जमीन से लाखों रुपये के हरे-भरे पेड़ काट कर बेच दिए और दलित व पिछड़े परिवारों को इतना प्रताड़ित किया गया कि उनके 137 परिवारों को 21 मई 2012 को गांव छोड़ना पड़ा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.