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पीएलसी सुपवा को 12बी की एफिलिएशन का इंतजार, वर्ष 2019 में शुरू हुए थे पीजी कोर्स

(पीएलसी सुपवा) को 12बी की एफिलिएशन के लिए अब भी इंतजार है। इसकी बड़ी वजह संस्थान में इक्का-दुक्का ही प्रोफेसर होना है। एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर लेक्चरर व गेस्ट फैकल्टी के भरोसे संस्थान चल रहा है! शैक्षणिक सत्र 2019-20 से विवि में पीजी कोर्स शुरू किए गए थे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 01:07 PM (IST)
पीएलसी सुपवा संस्थान को वर्ष 2014 में मिला था राजकीय विश्वविद्यालय का दर्जा

जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित लख्मीचंद यूनिवर्सिटी आफ परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट (पीएलसी सुपवा) को 12बी की एफिलिएशन के लिए अब भी इंतजार है। इसकी बड़ी वजह संस्थान में इक्का-दुक्का ही प्रोफेसर होना है। एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लेक्चरर व गेस्ट फैकल्टी के भरोसे संस्थान चल रहा हैं। शैक्षणिक सत्र 2019-20 से विवि में पीजी कोर्स शुरू किए गए थे। एक तकनीकी संस्थान के रूप में शुरू होने से यहां ज्यादातर लेक्चरर की पोस्ट पर भर्ती हुई। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह की पहल पर पीजी कोर्स शुरू किए गए।

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करीब नौ वर्ष पहले स्थापित किए गए संस्थान को वर्ष 2014 में राजकीय विवि का दर्जा मिला था।

इससे पहले गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टीट्यूशन (जीटीआइ) के तौर पर इसे स्थापित किया गया था। जीटीआइ के अनुसार शुरूआत में शिक्षण कार्य के लिए ज्यादातर लेक्चरर रैंक के शिक्षक भर्ती किए गए थे। विवि का दर्जा नहीं मिलने तक विद्यार्थियों को महर्षि दयानंद विवि की ओर से डिग्री प्रदान की जाती थी। प्रोफेसर रैंक के शिक्षक नहीं होने से विवि को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) से 12बी की एफिलिएशन नहीं मिली। कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह ने वर्ष 2018 में राज्य सरकार को संस्थान में स्नातकोत्तर डिग्री शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। राज्य सरकार की फाइनेंस कमेटी ने प्रस्ताव को स्वीकार कर पीजी कोर्स शुरू करने की हामी दी थी।

पीजी कोर्स का ये फायदा

पीजी कोर्स शुरू करने से यूजीसी की 12बी की एफीलिएशन मिलने का रास्ता खुलता है। प्रोफेसरों की भर्ती से विवि को यूजीसी की स्पेशल ग्रांट भी मिल सकेगी। जोकि संस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर व शोध के लिए प्रयोग की जा सकेगी। शिक्षकों के प्रमोशन भी हो सकेंगे। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विवि में शोध को बढ़ावा देने के लिए नए पीजी कोर्स की शुरुआत की गई थी। पीएचडी भी शुरू करने की योजना है।

संस्थान में इन पीजी कोर्स में ले सकते हैं दाखिला

- मास्टर ऑफ मास कम्यूनीकेशन (मीडिया प्रॉडक्शन)

- मास्टर ऑफ विजुअल आर्ट (अप्लाइड आर्ट/ पेंटिंग)

- मास्टर अॉफ डिजाइन (फैशन डिजाइन)

- मास्टर ऑफ प्लानिंग (अर्बन एंड रिजनल)


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