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पीएलए मार्केट में दुकानदार ही लगवा रहे रेहड़ी

पीएलए एरिया में बुधवार को नगर निगम की पांच मिनट की कार्रवाई में बड़े खेल का खुलासा हुआ। पीएलए पार्किग में लगने वाली रेहड़ियां गरीबों की नहीं हैं। 70 फीसद रेहड़ी दुकानदार लगवा रहे हैं

By Edited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 12:10 PM (IST)
पीएलए मार्केट में दुकानदार ही लगवा रहे रेहड़ी

जेएनएन, हिसार : पीएलए एरिया में बुधवार को नगर निगम की पांच मिनट की कार्रवाई में बड़े खेल का खुलासा हुआ। पीएलए पार्किग में लगने वाली रेहड़ियां गरीबों की नहीं हैं। 70 फीसद रेहड़ी और ठेली दुकानदार लगवा रहे हैं। तीन दुकानदारों ने पार्किग एरिया में दस से 12 रेहड़ियां लगवा रखी हैं और लाखों रुपये कमा रहे हैं। हकीकत में रेहड़ी लगाने वाले गरीबों की संख्या पांच से सात ही है।

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दुकानदारों की माने तो उनका 60 फीसद व्यापार कम हो गया है। 80 फीसद ग्राहक सीधे रेहड़ी वालों के पास जाते हैं। रेहड़ी लगवाने वाले तीन से चार दुकानदार हैं। वहीं एक बुजुर्ग ने रेहड़ियों के नाम पर हो रही अवैध वसूली की पोल खोली। बुजुर्ग अग्रसेन कॉलोनी निवासी बलदेव सिंह ने आरोप लगाया कि हुडा हो या नगर निगम के कर्मचारी सभी हर महीने पैसे लेकर जाते हैं। जिन दुकानदारों ने दस से 12 रेहड़ियां लगवाई हैं वह तीन से पांच हजार रुपये हर महीने कमेटी और हुडा के कर्मचारियों को देते हैं।

यह पहली बार नहीं है जब लोगों ने खुलकर आरोप लगाए हों। इससे पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला से कैंप चौक पर रेहड़ी वाले कर्मचारियों को पैसा देने की शिकायत कर चुके हैं। उपायुक्त अशोक कुमार मीणा भी पीएलए पार्किग से रेहड़ियां हटाने के आदेश जारी कर चुके हैं।

इसके बाद भी आज तक रेहड़ियां नहीं हटीं। सीएम की फोटो के आगे कचरा फैलाया तो की कार्रवाई टाउन पार्क के सामने पार्किग में सीएम की फोटो के सामने बुधवार को रेहड़ी वालों ने फिर कचरा डाल दिया। निगम अधिकारियों को शिकायत मिली तो पहले उन्होंने ने सफाई करवाई। उसके बाद सीएसआइ सुभाष सैनी, एएसआइ रविंद्र, सुरेंद्र, तहबाजारी इंचार्ज युद्धवीर, धर्मबीर, सुनील सहित अन्य कर्मचारियों की टीम पीएलए पहुंची। निगम अधिकारियों ने रेहड़ी वालों का सामान उठवा लिया।

इसी दौरान सीएमआइ ने सरदार जी की फ्रूट चाट पर कार्रवाई की। तब उसके मालिक ने कहा कि उनकी दुकान है वह अपना सामान दुकान में लगा लेंगे। आप रेहड़ी और ठेली न उठाओ। साथ ही सफाई करने और डस्टबिन रखने की बात कही। इस पर सीएसआइ ने फटकार लगाते हुए कहा कि एक भी रेहड़ी पर डस्टबिन नहीं है और तुम क्या सफाई कर रहे हो। जब दुकान है तो तीन से चार रेहड़ियां पार्किग में क्यों लगा रखी है। इन्हें तुरंत हटाओ, कल नजर आइ तो सभी को उठा लूंगा।

पांच मिनट में तीन सिलेंडर सहित अन्य सामान टीम ने जब्त कर लिया और निगम ले गई। टीम के जाने के बाद तीन चार दुकानदारों ने बैठक कर रेहड़ियों को लेकर बातचीत की। बाद में पुन: रेहड़ियां लगा लीं। महिला बोली- अब आए हो यहां, जब सारा सामान ले गए नगर निगम की टीम के जाने के बाद बुलेट पर सवार होकर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का एक कर्मचारी पीएलए पहुंचा। महिला ने उसके आते ही कहा कि अब आए हो यहां, जब सारा सामान निगम कर्मचारी उठा ले गए। इस पर वह कर्मचारी मोबाइल निकालकर किसी से फोन पर बात करने लगा।

यह है बड़ी समस्या
- पार्किग में रेहड़ियां लगने से अव्यवस्था फैलती हे।
- पार्किग में जगह खत्म होने पर सड़कों पर गाड़ियां लगती हैं, जो हादसों का कारण बनती हैं।
- रात को रेहड़ी वाले गंदगी फैलाकर जाते हैं। इससे माहौल खराब हो जाता है।
- रात के समय शराबियों के जमा होने से माहौल खराब हो जाता है। 50 हजार रुपये किराया फूड कोर्ट का देता हूं।

एक लाख के आसपास कर्मचारियों का वेतन हो जाता है। हमें दुकान के साथ पार्किग भी मिली थी, मगर अब रेहड़ियां ही नजर आती हैं। इस कारण 60 फीसद कारोबार घट गया है। शाम के समय 80 फीसद ग्राहक रेहड़ियों पर आते हैं। कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। आज तक कार्रवाई नहीं की। आज कार्रवाई की है तो रेहड़ियों और नियमित ठेलियों को नहीं उठाया। जब तक इन्हें हटाया नहीं जाएगा, हालात बदत्तर बने रहेंगे। - सुनील कुमार, दुकानदार

हमने आज सभी को चेतावनी दे दी है। कई लोगों का सामान उठाया है। वीरवार को भी कार्रवाई की जाएगी। रेहड़ी वालों को लेकर नियमित रूप से कार्रवाई की जाएगी। पैसे देने के आरोप बेबुनियाद हैं। - युद्धवीर सिंह, तहबाजारी इंचार्ज, नगर निगम

पार्किग में गरीबों से ज्यादा दुकानदारों ने रेहड़ी लगाई हुई है। रेहड़ी वालों को आखिरी चेतावनी दी गई है। वीरवार को उन पर कार्रवाई की जाएगी। कुछ दुकानदारों ने हमारी कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास किया था। उन्हें समझा दिया गया है। इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। - सुभाष सैनी, सीएसआइ, नगर निगम

उपायुक्त से लेकर निगम अधिकारियों तक को लिखित में शिकायत दे चुके हैं। सीएम विंडो तक गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बावजूद आज तक रेहड़ियां नहीं हटाई गई। इस कारण बदत्तर माहौल में जीना पड़ रहा है। प्रशासन की नाकामी का ही परिणाम है कि आज भी रेहड़ियां लगी हुई हैं। - एडवोकेट रवि महता, प्रधान, पीएलए एसोसिएशन


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