फार्मासिस्ट की हड़ताल जारी, मरीजों की लंबी कतार, एनएचएम ने किया रक्तदान
जागरण संवाददाता हिसार फार्मासिस्ट वर्ग की हड़ताल बृहस्पतिवार को भी जारी रही। सिविल अ
जागरण संवाददाता, हिसार :
फार्मासिस्ट वर्ग की हड़ताल बृहस्पतिवार को भी जारी रही। सिविल अस्पताल में फार्मासिस्ट ने धरना दिया। वहीं हड़ताल के कारण अस्पताल में दवाई लेने वालों की लंबी कतार लगी रही। लोगों को दवाई लेने में परेशानी हुई। स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयां बांटने के लिए स्टूडेंट और स्टॉफ नर्स को लगाया है लेकिन वह शाम तक सभी को दवाई दे पा रही है। वहीं फार्मासिस्ट वर्ग अपनी मांगों पर अड़ा है। फार्मासिस्ट के समर्थन में बृहस्पतिवार को एनएचएम ने रक्तदान भी किया।
एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ हरियाणा के राज्य विनोद दलाल ने वित्त विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से फार्मासिस्ट वर्ग की मांग को जायज माना है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की स्वीकृति के बाद 4600 ग्रेड पे की फाइल वित्त विभाग में धूल फांक रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दवाओं का इमरजेंसी कोटा खत्म हो रहा है। अगर दवाओं के अभाव में कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। दलाल ने कहा कि पिछली 6 अगस्त से प्रदेश की जनता तंग हो रही है पर सरकार की तरफ से बातचीत तक के लिए नहीं बुलाया गया है।
हड़ताल के दौरान एनएचएम के फार्मासिस्ट वर्ग ने समर्थन में रक्तदान करके सरकार के प्रति रोष जताया। उन्होंने कहा सरकार ने सभ्य वर्ग को आंदोलन पर मजबूर कर दिया है। इस दौरान मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी कैप्टन भूपेंद्र भी बातचीत के लिए पहुंचे लेकिन बातचीत सिरे नहीं चढ़ सकती। उसके अलावा पूर्व मंत्री सुभाष गोयल भी धरने पर पहुंचे।
जिला सचिव रविद्र चौपड़ा ने बताया कि उनकी मांग पूरी होने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
फार्मासिस्ट वर्ग का दावा, दवाई हुई खत्म
गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 40 हजार की जनसंख्या पर एक फार्मासिस्ट नियुक्त है। संस्था में दवाओं समेत वैक्सीन व किसी भी उपकरण संबंधी व्यवस्था एवं जन्म मृत्यु पंजीकरण का कार्य फार्मासिस्ट के द्वारा ही चलते है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों की संस्थाओं में डाक्टर नहीं है और वहां फार्मासिस्ट ही स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है।
एसोसिएशन ने उठाया कानूनी कदम
सरकारी संस्थाओं में फार्मेसी एक्ट की धज्जियां उड़ाने पर एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट हरियाणा ने सभी जगह वीडियोग्राफी करवा कर दोषियों के खिलाफ हाई कोर्ट से लीगल नोटिस भिजवाया है। फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत फार्मासिस्ट के अलावा कोई अन्य दवा संबंधी कार्य करता है तो उसको सजा हो सकती है।